The Duniyadari: बिहार में पूर्णिया के परिवार परामर्श केंद्र में एक अजीब मामला आया है. यहां एक महिला के साथ दो लोग पहुंचे. इनमें एक हिन्दू है तो दूसरा व्यक्ति मुस्लिम. दोनों ने महिला को अपनी पत्नी होने का दावा किया. अब उलझन परिवार परामर्श केंद्र में बैठे अधिकारी आ गए. तीनों को समझाया, नहीं माने तो डांट लगाई. तब पता चला कि महिला पहले से शादीशुदा थी, लेकिन पति को धोखा देकर उसने अपने प्रेमी से ब्याह रचा लिया था.
दरअसल पूर्णिया के सरसी थाना क्षेत्र में चंपावती गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि एक युवक उनकी बेटी को भगा ले गया है. पुलिस ने आरोपी युवक को थाने बुलाया और पूछताछ की. इसमें उसने बताया कि शिकायतकर्ता की बेटी उनकी व्याहता पत्नी है.
इस दौरान शिकायतकर्ता के साथ एक और युवक थाने पहुंचा था. उसने तुरंत खड़े होकर आपत्ति जताई. कहा कि युवती की शादी उसके साथ हुई है और उसने भी दस्तावेज दिखाए. कहा कि युवती के पास में खड़ा बच्चा उसका ही है. ऐसे में पुलिस ने इसे घरेलू मामला बताते हुए परिवार परामर्श केंद्र को रेफर कर दिया.
लड़की ने बताई पूरी कहानी
यहां दोनों युवकों के दस्तावेजों की जांच की गई. इसमें एक शादी को तीन महीने पहले का बताया गया था, जबकि महिला की गोद में डेढ़ साल का बेटा था. ऐसे में केंद्र के सदस्यों ने लड़के और लड़की को फटकार लगाई. इसके बाद लड़की ने कबूल लिया कि उसने पति को धोखा देकर दूसरे समुदाय के युवक से शादी कर ली है.
इससे पहले उसने धर्म परिवर्तन भी कर लिया है. इस बयान के बाद मामला तनावपूर्ण हो गया है. हालांकि परिवार परामर्श केंद्र ने पहले पति से बिना तलाक लिए दूसरी शादी को हिन्दू और मुस्लिम धर्म के खिलाफ बताया है.
केंद्र की सदस्य बबिता चौधरी ने बताया कि हिंदू मैरिज एक्ट व मुस्लिम मैरिज एक्ट दोनों में बिना तलाक के पति या पत्नी दूसरी शादी नहीं कर सकते. मुस्लिम युवक ने एक शपथपत्र दिया है, जिसमें छह साल पहले ही भाग कर शादी की बात कही गई है. चूंकि उम्र के अनुसार 6 साल पहले लड़की नाबालिग थी.
इसलिए एक नाबालिग को भगाकर शादी करने पर उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट लगेगा. वहीं लड़की पहले से शादीशुदा हैं, इसलिए भागकर शादी हुई है तो अपहरण का चार्ज भी लग सकता है. केंद्र ने लड़की की दूसरी शादी को पूरी तरह अवैध बताया है. जबकि युवती के पहले पति और उसके पिता ने तीन साल पहले शादी की बात कही है.
ऐसे हुआ फैसला
लड़की अभी भी मुस्लिम युवक के साथ ही रहने की जिद कर रही है. उधर, उसका असली पति अब भी उसकी गलती को माफ कर अपनाने की बात कह रहा है. लड़की के नहीं मानने पर पहले पति ने बच्चे के जन्म के संबंध में हॉस्पिटल का पूरा सबूत दिखाया और बच्चे पर दावा कर दिया. इसके बाद केंद्र ने बच्चे को उसके पिता को सौंपने का आदेश दिया. यह आदेश सुनते ही लड़की ने माफी मांगते हुए अपने असली पति के पास ही रहने की अनुमति मांग ली है. अब इस लड़की का शुद्धिकरण कराकर घर वापसी की तैयारी हो रही है.