The Duniyadari: जयपुर- जयपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने बैंकॉक से आई फ्लाइट से अलग-अलग प्रजाति के सांप, मकड़ियां और बिच्छू पकड़े हैं। नशे के लिए इन जहरीले जीवों की तस्करी की जा रही थी। 2 संदिग्ध यात्रियों को डिटेन किया गया है।
कस्टम अधिकारियों के अनुसार, एयर एशिया की बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट में 2 संदिग्ध यात्रियों की जानकारी मुखबिर से मिली थी। जयपुर में फ्लाइट लैंड होते ही दोनों को डिटेन कर लिया गया। तलाशी में यात्रियों के पास से 7 प्लास्टिक के डिब्बे मिले, जिनमें सांप, बिच्छू और मकड़ियां थीं।
पूछताछ में सामने आया कि इन जीवों की तस्करी नशे के लिए की जा रही थी। हालांकि, दोनों का दावा है कि उन्हें डिब्बों की सामग्री के बारे में जानकारी नहीं थी। सुबह 8 बजे की गई कार्रवाई के बाद वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया है।
विभाग की टीम जीवों की जांच कर तस्करी के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अफसरों के मुताबिक एक पाउडर होता है जो सांप के जहर से बना होता है। इसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पिया जाता है। इस पाउडर को स्नेक बाइट पाउडर कहा जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा के जहर का होता है।
नार्कोटिक्स अफसर बताते हैं कि इसका नशा कुछ घंटे से लेकर पूरे दिन तक हो सकता है। डिपेंड करता है कि नशे के लिए जहर की कितनी मात्रा ली गई है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में नशेड़ी लोग नशे में जिस सांप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उसका नाम- नाजा नाजा यानी कोबरा, बुंगारस कैर्यूलस यानी कॉमन क्रेट और ओफियोड्रिस वर्नालिस यानी हरा सांप है। इसके अलावा जिन लोगों को कम जहरीले सांप का नशा चाहिए होता है वो रैट स्नेक, ग्रीन बेल स्नेक के जहर को शराब के साथ लेना पसंद करते हैं।