करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश, नौकरी का लालच देकर आरोपी गिरफ्तार

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The Duniyadari: मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, पिता‑पुत्र हुए गिरफ्तार।  

दुर्ग, 08 सितंबर 2025। मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का दुर्ग पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। अंजोरा पुलिस चौकी की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पिता-पुत्र भेषराम देशमुख (62 वर्ष) और रविकांत देशमुख (32 वर्ष) को दुर्ग बस स्टैंड से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहाँ उन्हें ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से प्लॉट की रजिस्ट्री, बैंक पासबुक और डायरी जब्त की है।

मामला 2 जुलाई 2022 का है, जब ग्राम चिरवार, बालोद निवासी संतराम देशमुख ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अंजोरा निवासी भेषराम देशमुख, उसका पुत्र रविकांत और उनका साथी अरूण मेश्राम (राजनांदगांव) ने मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 5 लाख रुपये की ठगी की। बाद में अन्य पीड़ितों से भी इसी तरह ठगी की शिकायतें मिलीं।

विवेचना के दौरान लोमश देशमुख और हेमंत कुमार साहू ने भी आरोपियों के खिलाफ शिकायत दी। जांच में पाया गया कि गिरोह ने अब तक लगभग 70 लाख रुपये की ठगी की है। चपरासी पद के लिए 2.5 लाख और बाबू पद के लिए 4 लाख रुपये वसूल किए गए। आरोपियों ने स्वीकार किया कि ठगी की रकम से ग्राम कुथरेल में 12 लाख रुपये का प्लॉट खरीदा और बाकी रकम खर्च कर दी।

पुलिस ने बताया कि बड़ी मात्रा में रकम ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से ली गई थी। जब्त दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ। टीम ने अपराध क्रमांक 363/2025 के तहत धारा 420 और 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। गिरोह का मुख्य संचालक अरूण मेश्राम अभी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है।

जिला पुलिस कप्तान ने कहा कि सरकारी नौकरी जैसे संवेदनशील विषय पर जनता को भ्रमित कर ठगी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि ऐसे झूठे वादों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

चौकी प्रभारी संतोष कुमार साहू, प्रधान आरक्षक सूरज पांडेय, आरक्षक राकेश सिंह, आर. टोमन देशमुख, बृजमोहन सिंह और योगेश चंद्राकर की टीम ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज में विश्वास का माहौल बनेगा और ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगेगा। कई पीड़ितों ने पुलिस को सहयोग का आश्वासन दिया है। यह मामला न केवल दुर्ग जिले बल्कि पूरे प्रदेश में जागरूकता फैलाने का उदाहरण बन गया है।

पुलिस ने कहा कि अपराधियों के लिए यह कार्रवाई चेतावनी है और भविष्य में भी ऐसे अपराधों पर नियंत्रण के लिए अभियान जारी रहेगा।