कांग्रेस में राजस्थान संकट के बीच बोले छत्तीसगढ़ के मंत्री- यहां भी बदले CM

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दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में संकट के बीच जहां विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का उत्तराधिकारी फिलहाल नहीं मिल सका है। इस बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि उन्हें अपने राज्य में भी मुख्यमंत्री के बदलने की उम्मीद है, हालांकि वह आलाकमान के फैसले के पूरी तरह से अधीनस्थ होगा।

राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और देव के बीच सत्ता को लेकर पिछले कुछ सालों से खींचतान चल रही थी। यह जुलाई 2022 में उस समय सामने आया था जब देव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धन की स्वीकृति न होने और अन्य कारणों का हवाला देते हुए पंचायत और ग्रामीण विकास विभागों के प्रभार को त्याग दिया था।
छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का मुद्दा समय-समय पर गरमाता रहा है। सीएम भूपेश बघेल और मंत्री टीएस देव ने कभी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात नहीं रखी। बघेल और देव के बीच की लड़ाई रोटेशनल मुख्यमंत्री पद के एक अलिखित फॉर्मूले के इर्द-गिर्द केंद्रित थी, जिस पर दिसंबर 2018 में राहुल गांधी की उपस्थिति में दोनों के बीच सहमति बनी थी।

पार्टी नेतृत्व ने अगस्त 2021 में संकेत दिया था कि वह छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में सोच सकता है, लेकिन बघेल खेमे के विधायकों द्वारा ताकत दिखाने के बाद ऐसा नहीं हुआ। उस दौरान लगभग 51 कांग्रेस विधायक तब केंद्रीय नेतृत्व पर राज्य में बदलाव नहीं करने का दबाव बनाने के लिए दिल्ली आए थे।

यह आलाकमान का फैसला: इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान रोटेशनल मुख्यमंत्री पद के फॉर्मूले के बारे में पूछे जाने पर देव ने कहा कि वह वास्तव में इसे सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकते क्योंकि बंद दरवाजों के पीछे कुछ मुद्दों पर चर्चा की गई है। वहीं, दूसरी ओर बघेल ने हमेशा इस तरह के अनौपचारिक समझौते से इनकार किया है।