The Duniyadari: कानपुर- महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) को लेकर सेंट्रल से विशेष ट्रेनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भेजने का क्रम मंगलवार रात से बुधवार दोपहर तक जारी है। हर ट्रेन खचाखच भरी है। कोई शौचालय तो कई सीटों के पास तक बैठकर गए। कुछ खिड़की से ही अंदर घुस गए।
खिड़कियों के कांच भी टूट गए। धक्कामुक्की व ट्रैक पर भी श्रद्धालु दिखाई पड़े। सेंट्रल स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों के साथ ही जीआरपी, आरपीएफ व अतिरिक्त फोर्स मुस्तैद है। मंगलवार भोर प्रयागराज में हादसे की जानकारी पर और सजगता बढ़ाई गई। ट्रेनों में यहां से भेजे गए श्रद्धालुओं को आगे रोका गया। फतेहपुर, कौशांबी क्षेत्र के स्टेशनों पर विशेष ट्रेनें रोककर चलाई गईं। इससे भीड़ को बीच मे रोकने से दबाव कम करने में मदद की गई।
मौनी अमावस्या के अमृत स्नान को लेकर रेलवे विशेष ट्रेनों के साथ ही नियमित ट्रेनों से भी यात्री भेज रहा है। मंगलवार रात राजधानी समेत एक्सप्रेस ट्रेनों से भी श्रद्धालुओं को भेजा गया। सेंट्रल के निदेशक आशुतोष सिंह, अधीक्षक अवधेश द्विवेदी, जीआरपी प्रभारी ओम नारायण सिंह, आरपीएफ निरीक्षक बीपी सिंह समेत अफसर व कर्मी पूरी रात डटे रहे।
रात में जब प्रयागराज में भगदड़ की जानकारी मिली तो सेंट्रल से भेजी गई महाकुंभ विशेष ट्रेनों को आगे के स्टेशनों पर रोका गया। गोविंद नगर के दिनेश ने बताया कि वो विशेष ट्रेन से सवार हुए। रात दो बजे चली ट्रेन सुबह साढ़े सात बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंची। ऐसे ही और ट्रेनें भी बीच बीच मे रोकी गईं। श्रद्धालु भी भीड़ के बावजूद हर हर महादेव बोलते हुए गए। कुछ तो बेहोश जैसे हुए तो स्वजन ने किसी तरह उन्हें खिड़की के पास खड़ा करने में मदद की।
सेंट्रल स्टेशन के निदेशक आशुतोष सिंह का कहना है, यहां से सब समय से गई हैं। बाकी अगर आगे कहीं रोकी गई होंगी तो प्रयागराज ही बता सकता है। कोई पैसेंजर ट्रेन वैसे भी रात में दो तीन बजे के बाद निकली होगी तो सात बजे सुबह तक ही पहुंचेगी।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन अधीक्षक अवधेश कुमार द्विवेदी का कहना है कि दिल्ली हावड़ा प्रमुख रेलमार्ग है, इसलिए इस पर ट्रेनों का परिचालन बंद नहीं होगा। कोई प्रीमियम ट्रेन अगर निकालनी है तो कई बार मेमू, कुंभ समेत दूसरी विशेष ट्रेनों को रोककर उन्हें आगे बढ़ाना होता है। इसलिए रास्ते में कहीं ट्रेनें रोक कर चलाई भी जा सकती हैं।