केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू की भूपेंद्र यादव से मुलाकात, गिधवा–परसदा आर्द्रभूमि को ₹220 करोड़ की इको-पर्यटन परियोजना के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव सौंपा

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The Duniyadari : रायपुर – गिधवा–परसदा आर्द्रभूमि को इको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल

रायपुर के समीप स्थित गिधवा–परसदा आर्द्रभूमि को प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और इको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री और लोकसभा सांसद तोखन साहू ने इसके लिए तैयार एक विस्तृत परियोजना प्रस्ताव केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को सौंपा है।

यह प्रस्ताव इस प्राकृतिक स्थल को वैज्ञानिक रूप से संरक्षित और प्रबंधित क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना पर आधारित है। लगभग 200 हेक्टेयर में फैले इस क्षेत्र में अब तक 143 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की जा चुकी हैं। यह स्थान रायपुर से लगभग 15 किलोमीटर और नंदघाट से 9 किलोमीटर दूर स्थित है। स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां संरक्षण और जल प्रबंधन से जुड़ी कई पहलें पहले ही शुरू हो चुकी हैं।

मंत्री तोखन साहू ने बताया कि विश्व स्तर पर प्रवासी पक्षियों के लिए नौ प्रमुख मार्गों में से तीन भारत से होकर गुजरते हैं, जिनमें से मध्य एशियाई प्रवासी मार्ग (CAF) सबसे महत्वपूर्ण है। इसी मार्ग पर स्थित गिधवा–परसदा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी।

करीब ₹220 करोड़ की इस योजना में जल संरक्षण, शोध केंद्र, इको-पर्यटन अवसंरचना, स्थानीय रोजगार सृजन और ‘सीएएफ सचिवालय’ जैसी व्यवस्थाएँ शामिल हैं। इससे न केवल पक्षियों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण शिक्षा, ग्रामीण विकास और जलवायु अनुकूलन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

तोखन साहू ने कहा कि गिधवा–परसदा आर्द्रभूमि छत्तीसगढ़ की जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर का अनमोल हिस्सा है। केंद्र सरकार के सहयोग से इसे एक वैश्विक स्तर के इको-पर्यटन मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने पर्यावरण मंत्री से इस प्रस्ताव पर शीघ्र कार्रवाई करने की अपील की है, ताकि यह पहल धरातल पर जल्द उतारी जा सके।