कोरबा कलेक्ट्रेट के आंगन में मौत का ट्रक — 34 टन विस्फोटक 24 घंटे तक खड़ा रहा बिना सुरक्षा के

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The Duniyadari : कोरबा। जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां स्टेट जीएसटी विभाग के दो अधिकारियों की गलती से 34 टन विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट से भरा ट्रक करीब 24 घंटे तक असुरक्षित तरीके से खड़ा रहा। इस दौरान कलेक्ट्रेट में मौजूद कर्मचारियों और नागरिकों की जान खतरे में पड़ी रही।

मामले के मुताबिक, गुजरात से कुसमुंडा के लिए रवाना हुआ अमोनियम नाइट्रेट लदा ट्रक बुधवार रात जीएसटी विभाग ने ई-वे बिल में गड़बड़ी के शक में रोक लिया था। जांच के नाम पर ट्रक को सीधे कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ा करा दिया गया, जबकि उसमें लदा पदार्थ अति ज्वलनशील और विस्फोटक श्रेणी का था।

सबसे गंभीर बात यह रही कि जीएसटी अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी न तो कलेक्टर, न पुलिस और न ही किसी वरिष्ठ अधिकारी को दी। नियमों के अनुसार ऐसे वाहनों की सूचना तत्काल सुरक्षा एजेंसियों को दी जानी चाहिए थी, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके।

ट्रक चालक ने बार-बार अधिकारियों को चेताया कि वाहन में अमोनियम नाइट्रेट लदा है, जो खनन क्षेत्र में ब्लास्टिंग के लिए इस्तेमाल होता है। बावजूद इसके, उसकी बातों को अनसुना कर दिया गया। ई-वे बिल में स्पष्ट रूप से “विस्फोटक सामग्री” दर्ज होने के बावजूद ट्रक को बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के प्रशासनिक परिसर में छोड़ दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, मामला सामने आने के बाद अब उच्च अधिकारी घटना की जांच में जुट गए हैं। सवाल यह है कि अगर किसी कारणवश ट्रक में आग लग जाती या विस्फोट होता, तो उसका असर पूरे कलेक्ट्रेट और आसपास के इलाके पर कितना विनाशकारी होता।

यह घटना प्रशासनिक लापरवाही का ऐसा उदाहरण है, जिसने सुरक्षा मानकों और जिम्मेदारी दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।