कोरबा जिले में मनाया गया विश्व स्तनपान सप्ताह

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The Duniyadari: कोरबा 08 अगस्त 2025/ कोरबा जिले में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास के मार्गदर्शन में विश्व स्तनपान सप्ताह 01 अगस्त से 07 अगस्त तक मनाया गया।

2025 के लिये थीम ‘‘ इनवेस्ट इन ब्रेस्टफीडिंग, इनवेस्ट इन द फ्यूचर‘‘ निर्धारित की गई। समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्तनपान सप्ताह में जागरुकता कार्यक्रम चलाये गये साथ ही हितग्राहियों को स्तनपान के महत्व से अवगत कराया गया एवं बताया गया कि इससे जिले के बालमृत्यु दर में कमीं लाई जा सकती है।

प्रत्येक महिला को बच्चे के जन्म से 6 माह तक केवल मां का दुग्धपान कराने हेतु प्रेरित किया गया एवं गर्भवती व शिशुवती माताओं को 6 माह तक सतत स्तनपान एवं पीला गाढ़ा दूध (कोलेस्ट्रम) दुध का महत्व समझाया गया।

*मिशन शक्ति टीम कर रही है जागरुक* 

महिला एवं बाल विकास विभाग की मिशन शक्ति टीम द्वारा विभिन्न स्थलों में पहुंच कर जागरुकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को स्तनपान के महत्व व उद्देश्य से अवगत कराया, उन्होनें महिलाओं को उनके बदलते हुये जीवन शैली और कामकाज में व्यस्तता के कारण अपने बच्चें को स्तनपान न करवाने से होने वाले दुष्परिणाम से भी जागरुक किया गया साथ ही बताया कि सतत् स्तनपान कराने से स्तन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को रोक जा सकता है और अन्य बच्चों की अपेक्षा स्तनपान वाले बच्चों में संक्रमण का खतरा कम, रोगप्रतिरोधी क्षमता अधिक होती है, स्तनपान कराने से माँ का प्रसव के बाद होने वाले रक्त स्राव को रुक जाता है जिससे माँ में खून की कमी होने का खतरा कम हो जाता है।

स्तनपान कराने से माँ को हड्डियों की कमजोरी से बचाता है, माँ से मिलने वाले दूध में कोलेस्ट्रम होता है जो की शिशु को प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है और शिशु को रोगों से बचाने के साथ स्तनपान शिशु और मां के बीच भावनात्मक बंधन को मजबूत करता है व शिशु के सर्वागीण विकास में नींव का कार्य करता है।

 *आंगनबाड़ी केन्द्रों मे आयोजित सुपोषण चौपाल* 

महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देश पर जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों मे 07 अगस्त 2025 को सुपोषण चौपाल का आयोजन करते हुये स्तनपान दिवस मनाया गया।

इसमें उपस्थित लोगों को संतुलित आहार, पोषक तत्व, स्वास्थ्य लाभ एवं स्थानीय खाद्य पदार्थ के सेवन हेतु प्रेरित के साथ साथ रेडी टू ईट, पोषण आहार, स्थानीय साग सब्जियों व फलों के फायदे बताते हुये भागीदारी सुनिश्चित की गई जिससे जच्चा – बच्चा दोनों सुपोषित एवं स्वस्थ रहेगें।