The Duniyadari :कोरबा जिले में विकास की गति को और तेज़ करने के लिए जिला खनिज न्यास निधि (DMF) से कोरबा विधानसभा क्षेत्र के 399 विकास कार्यों के लिए कुल 157 करोड़ 69 लाख 12 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश और कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन के मार्गदर्शन में कलेक्टर एवं डीएमएफ अध्यक्ष अजीत वसंत ने यह स्वीकृति प्रदान की है।
स्वीकृत कार्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, शहरी सुविधाएं और जनसुविधाओं से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं। बीते लगभग दो वर्षों में जनप्रतिनिधियों की मांग और शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, ताकि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों का संतुलित विकास सुनिश्चित हो सके।
प्रमुख स्वीकृत कार्य
- ध्यानचंद चौक से बजरंग चौक तक दो लेन सीसी रोड (2.84 किमी) के निर्माण के लिए 29.42 करोड़ रुपये स्वीकृत।
- रेल अंडर ब्रिज (RUB) निर्माण और मुआवजा वितरण हेतु 18.82 करोड़ रुपये।
- 92 नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 12.01 करोड़ रुपये।
- 30 प्राथमिक और 10 माध्यमिक विद्यालय भवनों के निर्माण के लिए कुल 6.83 करोड़ रुपये।
- मानदेय शिक्षकों की भर्ती के लिए 10.34 करोड़ रुपये, साथ ही डाइट भवन, कॉलेज भवन, हॉस्टल और सामग्री क्रय कार्यों हेतु 6.26 करोड़ रुपये की स्वीकृति।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सशक्तिकरण
- बच्चों के टीकाकरण, क्षयरोग जांच, स्वास्थ्य भवन उन्नयन और संसाधन भर्ती के लिए 3.12 करोड़ रुपये।
- विशेषज्ञ चिकित्सकों और मेडिकल शिक्षकों की भर्ती हेतु 6.27 करोड़ रुपये।
- ट्रॉमा सेंटर उन्नयन और स्वास्थ्यकर्मियों के आवास निर्माण जैसे कार्यों पर 1.5 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किया जाएगा।
स्वच्छता और शहरी सुविधा कार्य
- ई-कार्ट गार्बेज रिक्शा की आपूर्ति के लिए 2.84 करोड़ रुपये।
- कन्वेंशनल हॉल परिसर में अहाता और हाई मास्ट लाइट लगाने हेतु 91.56 लाख रुपये स्वीकृत।
अन्य विकास कार्य
- 191 सामुदायिक कार्यों (भवन, नाली, अहाता आदि) के लिए 24.12 करोड़ रुपये।
- पुलिस कार्यालयों में जनरेटर स्थापना, 174 कृषि पंपों का विद्युतीकरण, पशु चिकित्सकों की भर्ती, मिट्टी परीक्षण और डेयरी विकास कार्यों के लिए भी राशि स्वीकृत की गई है।
कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि डीएमएफ फंड का उपयोग कोरबा विधानसभा क्षेत्र के समग्र और संतुलित विकास के लिए किया जा रहा है। सभी स्वीकृत परियोजनाओं को गुणवत्ता और समयसीमा के साथ पूरा करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए हैं।