कौन हैं चंदूलाल चंद्राकर? जिनके आंदोलन से बन गया था देश में नया राज्य, भूपेश बघेल मानते हैं राजनीतिक गुरु

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर नमन किया है। उन्होंने चंदूलाल को अपना राजनीतिक गुरू भी बताया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर सादर नमन किया उन्होंने कहा है कि “छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र, मेरे गुरु, प्रखर पत्रकार और पूर्व सांसद स्व. चंदूलाल चंद्राकर जी की पुण्यतिथि पर सादर नमन। उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन को एक नई दिशा मिली थी। मातृभूमि के प्रति उनकी सेवा भावना, उनके अमूल्य विचार नई पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।” चंदूलाल चंद्राकर के छत्तीसगढ़ के लिए योगदान को कोई नहीं भूल सकता। चंदूलाल चंद्राकर दुर्ग से पांच बार सांसद रहे। छत्तीसगढ़ बनाने के लिए जो आंदोलन हुआ था उस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने चंदूलाल चंद्राकर एक नामी पत्रकार भी थे। भूपेश बघेल ने इन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।

पत्रकार के रूप में हुई पहचान

निर्भीक पत्रकारिता से छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश भर में रोशन करने वाले चंदूलाल चंद्राकर के नाम से फेलोशिप भी छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थापित की है। छत्तीसगढ़ सरकार चंदूलाल चंद्राकर की याद में पत्रकारिता के क्षेत्र में सम्मान भी देता है। राजनीति से पहले चंदूलाल चंद्राकर बड़े पत्रकार थे। चंद्राकर छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय समाचार पत्र के संपादक के पद तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे।

25 साल की उम्र में शुरू की पत्रकारिता

25 साल की उम्र में यानी साल 1945 से ही चंदूलाल चंद्राकर सक्रिय रूप से पत्रकारिता से जुड़ गए थे। उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के समय भी अभ्यस्त पत्रकारों जैसी पत्रकारिता करने लगे थे। चंदूलाल चंद्राकर को 9 ओलंपिक खेलों और तीन एशियाई खेलों की रिपोर्टिंग का भी अनुभव रहा है। बता दें कि चंदूलाल चंद्राकर ने विश्व के सब लगभग सभी देशों की यात्रा एक पत्रकार के रूप में की है।

चंदूलाल चंद्राकर का राजनीतिक सफर

पत्रकारिता के बाद चंदूलाल चंद्राकर ने सक्रिय राजनीति में अपने कदम आगे बढ़ाए थे। उन्होंने पहली बार साल 1970 में लोकसभा के लिए निर्वाचित होकर राजनीति में एंट्री की थी। साल 1970 से लेकर 1991 तक चंदूलाल चंद्राकर दुर्ग लोकसभा सीट से 5 बार चुने गए हैं। साल 1980 से लेकर 1982 तक चंदूलाल चंद्राकर पर्यटन और नागरिक उड्डयन केंद्रीय राज्यमंत्री रहे हैं। इसके साथ ही साक 1982 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव भी बनाया था। बाद में वे फिर साल 1985 से 1986 तक केंद्रीय कृषि व ग्रामीण राज्य विकास राज्य मंत्री बने थे। चंदूलाल चंद्राकर ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के लिए प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है। यह भूमिका साल 1993 से 1995 तक निभाई और इसी बीच वे साल 1994 से लेकर 1995 तक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण मंडल के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई।

किसान परिवार में हुआ था जन्म

चंदूलाल चंद्राकर का जन्म 1 जनवरी 1921 को हुआ था। दुर्ग में निपानी गांव कि एक किसान के घर में जन्मे चंदूलाल चंद्राकर बचपन से ही मेधावी छात्र रहे है। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कई कदम उठाते थे। चंदूलाल चंद्राकर की पढ़ाई रॉबर्टसन कॉलेज जबलपुर से हुई थी। यहां उन्होंने BA की पढ़ाई की थी। देशभर में ख्याति बटोरने वाले चंदूलाल चंद्राकर का निधन 2 फरवरी 1995 को हुआ था। जिसके बाद हर साल प्रदेश में चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि में उन्हें याद किया जाता है।