सतीश अग्रवाल
बिलासपुर । खुशखबरी। ग्रीन-टी के शौकीन अब मुनगा की पत्तियों की चाय का स्वाद ले सकेंगे। कुछ पत्तियों की मदद से घर पर भी बनाया जा सकता है, तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी इसका पाउडर विक्रय के लिए उपलब्ध होने लगा है।
बीज से लेकर जड़ तक, हर भाग में औषधीय गुणों की खोज में सफलता के बाद मुनगा की पत्तियों से ग्रीन-टी बनाया जाने लगा है। तैयार करने के लिए उबाले जाने के बाद भी इसके औषधिय गुण बने रहते हैं। दिलचस्प यह कि ग्रीन-टी का विकल्प बन चुके मुनगा की पत्तियों में हृदय को स्वस्थ रखने के मेडिशनल प्रॉपर्टीस के होने का खुलासा हुआ है।
कहते हैं मोरिंगा-टी
मुनगा कहें या सहजन। इसके पौधे का वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। ग्रीन टी के लिए यही नाम दिया गया है। पत्तियां बेहद गुणकारी हैंं। आयुर्वेद में मुनगा या सहजन की पत्तियों को बेहद गुणकारी माना गया है। सेहत का खजाना कहा जाने वाला इसका पेड़़, जड़ से लेकर फूल और फल याने बीज अपने आप में अमूल्य है।
इसलिए लाभदायक
मोरिंगा-टी के सेवन से गैस की तकलीफ दूर की जा सकती है। अनुसंधान में इसमें एंटीबायोटिक, एंटीडायबिटिक, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीअल्सर, एंटी हाइपरटेंसिंग जैसे गुण भी मिले हैं। इसके अलावा उच्च पोषक तत्वों की भी मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। प्रोटीन से भरपूर मोरिंगा-टी, उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है और मोटापा कम करता है।
ऐसे कर सकते हैं तैयार
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होने वाला मोरिंगा-टी घर पर भी तैयार किया जा सकता है। मुनगा की 15 से 20 पत्तियां रात में पानी में भिगो दें। सुबह उबालें। यह काम खत्म होने के बाद पत्तियां अलग कर लें। स्वाद के अनुसार नमक या शक्कर डालकर ग्रीन-टी के रूप में पिया जा सकता है।
उच्च पोषण मूल्य से भरपूर
मोरिंगा उच्च पोषण मूल्य के साथ औषधीय गुणों से भरपूर होता है l यह महत्वपूर्ण खनिज और प्रोटीन, विटामिन, बीटा-कैरोटीन, अमीनो एसिड और विभिन्न फेनोलिक्स का एक अच्छा स्रोत है l
अजीत विलियम्स, वैज्ञानिक (वानिकी), बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर (छ.ग.)