The Duniyadari: रायपुर में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई है। प्रशासन ने विसर्जन कुंड बनाने के दावे किए थे, लेकिन लोग सीधे खारून नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे हैं। इससे नदी के पानी के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है।
*विसर्जन कुंड का नहीं हो रहा उपयोग*
लोगों ने प्रशासन द्वारा बनाए गए विसर्जन कुंडों की बजाय सीधे नदी का रुख किया। इसका कारण या तो कुंडों की सही व्यवस्था न होना है या फिर प्रशासन की ओर से सख्ती न बरतना है।
*सुरक्षा व्यवस्था भी नदारद*
विसर्जन स्थल पर न तो पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था और न ही गोताखोरों की तैनाती की गई थी। इससे किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रही।
*पर्यावरण को खतरा*
प्रतिमाओं में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस, रंग और केमिकल नदी के पानी को प्रदूषित करते हैं। इससे जलीय जीव-जंतुओं और आसपास के लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
*स्थानीय लोगों की शिकायत*
स्थानीय लोगों ने बताया कि हर साल प्रशासन सिर्फ कागजों में तैयारी दिखाता है, लेकिन मौके पर व्यवस्था नहीं होती। लोगों का कहना है कि प्रशासन को चाहिए था कि समय रहते कृत्रिम कुंडों को आकर्षक और सुविधाजनक बनाया जाता ¹।




























