छत्‍तीसगढ़़: आरक्षण मामले पर हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा राज्य शासन

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Chhattisgarh government will go to the Supreme Court against the decision of the High Court on reservation

रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य शासन आरक्षण मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। आज सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वर्ष 2012 में राज्य शासन के द्वारा आरक्षण के प्रतिशत में वृद्धि के मामले में अपना निर्णय सुनाया है। राज्य शासन ने इस निर्णय से असहमत होते हुए यह निर्णय लिया है कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।

राज्य शासन का यह मानना है कि यद्यपि वर्ष 2012 में समुचित रूप से इस मामले में तथ्य तत्कालीन सरकार में पेश नहीं किए थे परन्तु फिर भी, छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण प्रतिशत को देखते हुए, राज्य सरकार उपरोक्त फ़ैसले से पूरी तरह असहमत हैं।

राज्य सरकार यह मानती है कि, उपरोक्त निर्णय से राज्य के आरक्षित वर्ग में समुचित विकास के मार्ग में बाधित होगा। उक्त निर्णय से राज्य सरकार सहमत नहीं है और राज्य सरकार इस निर्णय को चुनौती देते हुए आरक्षित वर्ग को न्याय दिलाने में साथ खड़ी है।

तत्कालीन सरकार पर ढिलाई का आरोप

शासन का मानना है कि वर्तमान सरकार ने उक्त संबंध में समस्त तथ्यों को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति भी माँगी थी, जिसे इस आधार पर मना किया गया कि चूंकि पूर्व में राज्य सरकार को समय देने के बावजूद भी वह मौक़ा होने के बावजूद भी तत्कालीन सरकार ने जवाब में सभी तथ्यों का उल्लेख नहीं किया। इसलिए अब उसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। परन्तु किसी भी सूरत में समझ के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितों की रक्षा के लिए क़ानून की अंतिम सीढ़ी तक लड़ाई लड़ी जाएगी एवं जो भी आवश्यक हो क़दम उठाए जाएंगे।