अनिल द्विवेदी. रायपुर। महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश हो चुका है। अगर बिल पास होता है तो करीब तीन दशकों के संघर्ष के बाद संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का रास्ता खुलने वाला है।
महिला आरक्षण बिल पास होने पर ताजा आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ विधानसभा की 29 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी हालांकि बिल में प्रस्तावित कानून के मुताबिक इसके लिए 2029 तक इंतजार करना पड़ेगा।
परिसीमन के बाद लागू होगा आरक्षण
विधेयक के कानून बनने के बाद पहले परिसीमन होगा, इसके बाद ही महिला आरक्षण कोटा लागू किया जा सकता है। बता दें कि परिसीमन अगली जनगणना के बाद ही होगा और जनगणना 2027 में होने के आसार हैं। 2002 में संशोधित अनुच्छेद 82 के मुताबिक परिसीमन प्रक्रिया 2026 के बाद हुई पहली जनगणना के आधार पर की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में 29 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। वर्तमान में 29 सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है, और 10 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। महिला आरक्षण होने के बाद आरक्षित सीटों पर क्या समीकरण बनते हैं, इसके लिए अगले परिसीमन होने तक इंतजार करना होगा।