The Duniyadari: रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज हो गई है। शुक्रवार को इस मामले में दो बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आईं। एक ओर जहां प्रदेश के पूर्व मंत्री कवासी लखमा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला.
वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। पहले बात कवासी लखमा की। आबकारी घोटाले में जेल में बंद कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
इस याचिका पर पिछले दिनों सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने लखमा को राहत देने से इंकार कर दिया।ईडी ने कवासी लखमा को मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और सरकारी तंत्र के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी का दावा है कि करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन और गबन के प्रमाण लखमा की भूमिका की ओर इशारा करते हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और जांच अभी जारी है, इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती।
अब दूसरी बड़ी कार्रवाई की बात करें तो शुक्रवार को ईडी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी भी कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। ईडी की टीम ने चैतन्य को दुर्ग जिले के भिलाई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया।
बाद में उन्हें रायपुर स्थित विशेष पीएमएलए (PMLA) अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर ईडी की हिरासत में भेज दिया।कोर्ट में ईडी ने बताया कि ताजा छापेमारी के दौरान चैतन्य बघेल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की धारा 19 के तहत उनकी गिरफ्तारी की गई।
रिमांड सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन अंततः अदालत ने ईडी के पक्ष में आदेश दिया।गिरफ्तारी के दिन ही चैतन्य बघेल का जन्मदिन था, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज चैतन्य का जन्मदिन है और इस दिन उसे गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है।”चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के दौरान उनके आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। वहीं, बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक भी मौके पर पहुंच गए थे, जिन्होंने केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।गौरतलब है कि आबकारी घोटाले की जांच में अब तक कई अफसरों, कारोबारियों और बिचौलियों से पूछताछ हो चुकी है। ईडी का दावा है कि शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ, जिसमें राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया और यह पूरा रैकेट सत्ता संरक्षण में संचालित हो रहा था। अब चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी इस जांच में एक अहम मोड़ माना जा रहा है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घोटाले की आंच अब शीर्ष नेताओं तक पहुंच चुकी है और आने वाले दिनों में ईडी की कार्रवाई और भी तेज हो सकती है।