The Duniyadari : बिलासपुर। बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर मंगलवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ के सामने दोनों पक्षों ने विस्तृत बहस रखी, जिसके बाद अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमानत आवेदन का कड़ा विरोध किया। एजेंसी की ओर से तर्क दिया गया कि मामला अत्यंत गंभीर है, अभी कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जांच लंबित है, और ऐसे में जमानत मिलने से आरोपी द्वारा साक्ष्यों को प्रभावित करने या फरार होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
उधर, चैतन्य बघेल की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने दलील दी कि लगातार लंबी अवधि तक हिरासत में रखे जाने से उनके मुवक्किल के मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बघेल जांच में हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए।
करीब पूरे दिन चली सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला बाद में सुनाने के लिए सुरक्षित कर लिया। अब हाईकोर्ट का फैसला ही यह तय करेगा कि चैतन्य बघेल को रिहाई मिलेगी या वह आगे भी न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
मामला न सिर्फ कानूनी दृष्टि से संवेदनशील है, बल्कि लंबे समय से राज्य की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।














