श्रीश्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा दुर्गा उत्सव को भव्य बनाने के लिए करीब 2 करोड़ रुपए खर्च किये गए है। यह समिति 1981 से हर साल दुर्गा उत्सव मनाती है।
4 किलो सोने से तैयार स्वर्ण कमल पर माता विराजमान है। इसके अलावा सिर पर बनाई गई चांदी की छत्र का व्यास करीब 20 फीट और 40 फीट व्यास वाला कमल फूल बनाया गया है।
मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ इस बार भगवान शिव का पूरा परिवार नजर आ रहा है। गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और भोलेनाथ की 10-10 फीट ऊंची मूर्ति तैयार की गई है जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है।
इसके अलावा डोम वाले पंडाल में आकर्षक लाइटिंग की गई है। हर साल खास थीम पर दुर्गा उत्सव मनाया जाता है। इस बार दिल्ली के अक्षरधाम की तर्ज पर स्वागत द्वार बनाया गया है।
खास बात यह है कि कोलकाता की बजाय इस बार राज्य के स्थानीय कारीगरों ने प्रतिमा किया है। हालांकि स्वर्णकमल और चांदी की छत्र के लिए बंगाल से कारीगर बुलाए गए हैं।
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