भोजपुर जिले में चार साल पूर्व जिस महिला की हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, वह जिंदा घूमती मिल गयी। महिला ने दूसरी शादी कर अपना नया घर बसा लिया। उधर, हत्या के जुर्म में उसके पति सहित अन्य ससुराल वालों को जेल की हवा तक खानी पड़ गयी। आश्चर्य करने वाली यह घटना चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव की है।
हैरानी की बात तो यह है कि हत्या का केस दर्ज करने के दस दिन बाद नहर से मिली एक शव को उसके पिता की से अपनी बेटी के रूप में पहचान की गयी थी, और दाह संस्कार भी किया गया था। फाइलों में मृत महिला को जिंदा देख पुलिस भी सकते में है। महिला बहुआरा छपरा गांव निवासी दीपक कुमार की पत्नी धर्मशीला देवी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
दरअसल मामला यह है कि चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव निवासी अवध कुमार सिंह की पुत्री धर्मशीला देवी की शादी 2015 में बहुआरा छपरा गांव निवासी प्रमोद सिंह के पुत्र दीपक कुमार के साथ हुई थी। उसके बाद से पति-पत्नी के बीच अक्सर अनबन होती रहती थी।
उसे लेकर लड़की पक्ष द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित करने और 2020 में दीपक दूसरा शादी करने के आरोप लगाया गया था। उस मामले में महिला थाना में मामला भी दर्ज कराया गया था। इस बीच 19 अक्टूबर 2020 को धर्मशीला देवी गायब हो गई। तब उसके मायके वालों द्वारा हत्या की आरोप लड़की पक्ष के द्वारा लगाया गया था।
29 अक्टूबर के सोन नदी से एक महिला का शव बरामद किया गया था। तब अवध कुमार सिंह द्वारा शव को अपनी बेटी धर्मशीला के रूप में पहचान की गयी थी। उसके बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए महिला के पति, ससुर और जेठ को दहेज के लिये धर्मशीला देवी की हत्या करने के आरोप में जेल भेज दिया गया।
इस बीच शुक्रवार को लड़का पक्ष द्वारा धर्मशीला देवी को आरा में घूमते देखा गया। उसके बाद पुलिस की सहायता से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस की पूछताछ में महिला द्वारा दूसरी शादी करने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से परहेज़ कर रही है।