जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद की बढ़ी मुश्किलें, दिल्ली के एलजी ने दी मुकदमा चलाने की इजाजत

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दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (VK Saxena) ने मंगलवार को जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दी. शेहला राशिद ने भारतीय सेना को लेकर कथित विवादित ट्वीट किए थे .इसको लेकर उनके खिलाफ 2019 में मामला दर्ज किया गया था. वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की इजाजत पर ये मामला दर्ज किया गया था.

18 अगस्त 2019 को शेहला राशिद ने ये ट्वीट किए थे. एलजी कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की पूर्व नेता पर अपने ट्वीट के माध्यम से विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने और सौहार्द बिगाड़ने वाले कार्यों में शामिल होने का आरोप है. उपराज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव दिल्ली पुलिस द्वारा पेश किया गया था और यह दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा समर्थित था.

ये है पूरा मामला

दिल्ली पुलिस ने अधिवक्ता श्रीवास्तव की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इसी मामले में एलजी वीके सक्सेना ने आज सीआरपीसी की धारा 196 के तहत कार्रवाई की दिल्ली पुलिस को अनुमति दी है.

जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद पर आरोप है कि उन्होंने 18 अगस्त 2019 को ट्विटकर भारतीय सेना पर अनर्गल आरोप लगाए थे. शेहला ने अपने ट्वीट में लिखा था कि भारतीय सेना रात के समय घरों में घुसकर छापेमारी की घटना को अंजाम देती है. वो लड़कों को घर से उठा रहे हैं और घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं. भारतीय सेना के जवान जान बूझकर फर्श पर राशन गिरा देते हैं. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि चार लोगों को आर्मी कैंप में बुलाया गया और पूछताछ के दौरान उनपर जुल्म ढाए गए.

सेना ने शेहला के आरोपों को बताया था आधारहीन
वहीं, इंडियन आर्मी ने शेहला राशिद के इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था. सेना ने कहा था कि इस तरह की फेक खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा लोगों को भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं. सेना के इस बयान के बाद अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला राशिद के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई थी.