न्यूज डेस्क। मिस्र में नील नदी के तट पर डांस करते हुए एक टीचर के वायरल वीडियो ने देश में रूढ़िवादियों के बीच नाराजगी पैदा कर दी है, लेकिन महिला अधिकार कार्यकर्ता उसके समर्थन में बोल रही हैं. इजिप्ट इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, आया युसुफ को सामाजिक कार्यक्रम के दौरान बेली डांस करने की वजह से उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया और उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया था. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में उन्हें एक हेडस्कार्फ़, एक पूरी बाजू का ब्लाउज और पतलून पहने हुए पुरुष सहयोगियों के साथ डांस करते हुए दिखाया गया है.
यूसुफ को मीडिया द्वारा “मंसौरा शिक्षक” करार दिया गया. उसका वीडियो ऑनलाइन वायरल होने के बाद, उसे डकालिया प्रांत के एक प्राथमिक विद्यालय में अरबी शिक्षक की नौकरी से निकाल दिया गया था.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “एक बेईमान शख्स के वीडियो की वजह से मेरा जीवन बर्बाद हो गया, जिसने मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की और केवल मेरी छवि खराब करने के लिए उसने करीब से मेरा वीडियो बनाया,” उसने कहा, कि वह उस शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी. जिसने बिना उसकी इजाजत के उसका वीडियो बनाया और उसे ऑनलाइन शेयर किया.
बीबीसी के अनुसार, इस वीडियो ने मिस्र के रूढ़िवादियों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है. एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, “मिस्र में शिक्षा निम्न स्तर पर पहुंच गई है,” दूसरे ने कहा, “शिक्षकों को रोल मॉडल माना जाता है. यह एक बुरा उदाहरण है.”
हालांकि, यूसुफ को अपने देश में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का समर्थन मिल रहा है, जिन्होंने उन्हें “witch hunt” का पीड़ित बताया है.
मिस्र के महिला अधिकार केंद्र के प्रमुख, डॉ निहाद अबू कुमसन ने गलत तरीके से बर्खास्तगी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में मदद करने की पेशकश की, जबकि मिस्र के एक माध्यमिक विद्यालय के एक उप निदेशक ने अपनी बेटी की शादी में डांस करते हुए खुद की तस्वीरें भी शेयर कीं.
उनके पक्ष में समर्थन की लहर के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने यूसुफ को एक नए स्कूल में अरबी शिक्षक के रूप में नियुक्त किया है. उसने कहा, “दकाहलिया में शिक्षा निदेशालय के मुझे मेरे काम पर लौटने के फैसले ने मुझे महसूस कराया कि मेरे जीवन का हिस्सा अपनी प्रकृति में वापस आना शुरू हो गया है और मेरी गरिमा का वह हिस्सा वापस आ गया है.”