टीबी रोग को हराकर रंजिता वेट्टी हुई पूर्ण स्वस्थ, नियमित दवा सेवन से मिला लाभ

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The Duniyadari: सुकमा- कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन तथा सीएमएचओ डॉ एसएस सिंह के मार्गदर्शन में टीबी रोग को जड़ से मिटाने के लिए जिले में अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और टीबी के संभावित लक्षण मिलने पर तत्काल जांच और इलाज प्रारम्भ किया जा रहा है।

दवा के नियमित सेवन से रंजिता हुई पूर्ण स्वस्थ  : 

रंजिता वेट्टी पिता बुधरा 9 वर्षीय बालिका छिंदगढ़ विकासखंड के रानीबहाल पंचायत की निवासी हैं। टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से अपने पिता को खोने के बाद इस बीमारी से संक्रमित बेटी रंजिता वेट्टी ने जिला अस्पताल में अपना इलाज प्रारंभ कराया। इलाज के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की निगरानी में 6 माह तक दवा का नियमित सेवन किया। दवा के साथ साथ उन्हें हाई प्रोटीन डाइट भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रदान किया गया। जिसकी बदौलत उन्होंने टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से निजात पाई। पहले उसका वजन 14 किलोग्राम था और पूर्ण स्वस्थ होने के उपरांत वजन बढ़कर 20 किलोग्राम हो गया है। अब वह नियमित रूप से स्कूल जाने लगी है। आज वह संपूर्ण रूप से स्वस्थ और निरोगी हो चुकी हैं। सही समय में बेहतर इलाज के लिए उन्होंने शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया है।

बीमारी के लक्षण  : 

तपेदिक एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन मस्तिष्क, गुर्दे और हड्डियों जैसे शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवा में मौजूद बूंदों के माध्यम से फैलता है। हालाँकि इसे रोका जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन टीबी दुनिया भर में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। टीबी रोग से ग्रसित मरीज कमजोर हो जाता है एवं इलाज नहीं करवाने की स्थिति मे मरीज की मौत भी हो सकती है। टीबी का प्रमुख लक्षण एक सप्ताह से ज्यादा खांसी, भूख का ना लगना, चढ़ता उतरता बुखार  वजन का कम होना, गले में गांठ का होना है। यदि किसी व्यक्ति को यह लक्षण दिखे तो अपने बलगम की जांच नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में अवश्य करायें। जो बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध है। केंद्र सरकार ने इस बीमारी को अभियान चलाकर 2025 तक उन्मूलन करने का संकल्प लिया है।

सुकमा जिले का लक्ष्य  : 

जिला पीपीएम समन्वयक टीबी नवीन पाठक ने बताया कि सुकमा जिले मे वर्ष 2025 मे टीबी मरीजों के जांच का लक्ष्य 7658 में से जुलाई 2025 तक 5563 लोगों के बलगम का जांच  अत्याधुनिक मशीन ट्रूनेट एवं सीबीनेट द्वारा किया गया है जो लक्ष्य का 120% है। मरीज खोज का लक्ष्य 600 मरीजों का है जिसमें जुलाई 2025 तक 367 मरीजों को खोज कर इलाज प्रारंभ किया गया है जो लक्ष्य का 105% है। निक्षय पोषण योजना के तहत 202 मरीजों को निक्षय पोषण योजना का लाभ दिया गया है जो लक्ष्य का 55% है। वर्ष 2025 में मरीजों के स्वस्थ्य होने की दर 91%है।