डायवर्जन प्रक्रिया उन बच्चों के लिए है जो देख-रेख के अभाव में अपराध की ओर बढ़ रहे..यूनीसेफ व सीएसजे संस्था के सहयोग से आयोजित हुई कार्यशाला…

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0 बिलासपुर पुलिस की पहल पर यूनीसेफ व सीएसजे संस्था के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिया मार्गदर्शन

 

बिलासपुर। बच्चों के डायवर्जन प्रक्रिया, समाज के उन बच्चों के लिए है, जो पर्याप्त देखरेख व संरक्षण के अभाव में अपराध की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसे बच्चों को जेजे एक्ट व उनसे संबंधित अन्य प्रावधानों के माध्यम से अपराध की दिशा में बढ़ने से रोकना ही ध्यये है। इसके साथ उन बच्चों के उचित विकास के लिए विधि से प्रदत्त प्रावधानों का पालन करते हुए उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़कर उनका भविष्य सुरक्षित करना भी डायवर्जन प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है।

यह बातें बिलासपुर पुलिस के निजात अभियान के संयुक्त तत्वाधान में यूनीसेफ तथा सीएसजे (काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस) संस्था के द्वारा बच्चों के लिए डायवर्जन प्रक्रिया से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए यूनीसेफ संस्था के राज्य प्रमुख जॉब जकारिया ने कहीं। इस कार्यशाला में कॉलेज, स्कूल, एनजीओ तथा पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी शामिल हुए। बच्चों लिए डायवर्जन प्रक्रिया को अपराध से दूर करने तथा समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का उद्देश्य रखते हुए अनेक अहम बातों में मार्गदर्शन दिया गया। कार्यशाला के तृतीय चरण का आयोजन मंगलवार को पुलिस लाईन स्थित आडिटोरियम में आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष कुमार सिंह (भापुसे), अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेन्द्र जायसवाल, अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल देव शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक (सिटी कोतवाली) श्रीमति पूजा कुमार (भापुसे), उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) राजेश श्रीवास्तव, कॉलेज, स्कूल के प्राचार्य तथा शिक्षक, सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख तथा सदस्यगण के साथ थाना सरकण्डा, सिटी कोतवाली, सिविल लाईन, चकरभाठा, के थाना प्रभारी तथा स्टाफ उपस्थित रहे, कार्यक्रम के उद्बोधन में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री संतोष कुमार सिंह के द्वारा कार्यक्रम की महत्ता को बताते हुये योजना के उद्देश्यों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई तथा विधि से संघर्षरत् बालकों को अपराध से दूर करने तथा उनके सतत् विकास के लिए इस कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया ।

यूनीसेफ की टीम द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के बारे में अवगत कराया गया। विशेषकर फॉर्म 1 (सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट), फॉर्म 2 और फॉर्म 42 केस स्टडी बेस्ड लर्निंग के माधियम से विभिन्न तरह के विधि संबंधित जानकारी दी गई, पुलिस और विभिन्न किशोर संबंधित एजेंसीज के बीच समन्वय के मुद्दों को बताया गया, स्टैण्डर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर और चेकलिस्ट दिया गया। इस कार्यशाला के अंत में यूनीसेफ टीम द्वारा प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन (पोस्ट ट्रेनिंग असेसमेंट) भी किया गया। बिलासपुर पुलिस के द्वारा संचालित निजात अभियान के संयुक्त तत्वाधान में यूनीसेफ तथा सीएसजे (काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस) संस्था के द्वारा आज तृतीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें यूनीसेफ संस्था के प्रमुख एवं सदस्यगण जॉब जकारिया, चेतना देसाई ( बाल संरक्षण विशेषज्ञ), गीतांजलि दासगुप्ता ( स्टेट कंसलटेंट चाइल्ड प्रोटेक्शन) निमिशा श्रीवास्तव ( एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर , काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस ) उर्वशी तिलक (डायरेक्टर , काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस) रामनारायण वर्मा ( टेक्निकल एक्सपर्ट डायवर्सन , काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस )उपस्थित रहे ।