The Duniyadari : अनुकंपा नियुक्तियों पर गिरी गाज, बिलासपुर निगम ने 22 कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कीं
बिलासपुर। नगर निगम में भृत्य (चतुर्थ श्रेणी) के पदों पर कार्यरत 22 कर्मचारियों की अनुकंपा नियुक्तियाँ रद्द कर दी गई हैं, जिससे इन परिवारों के सामने रोजगार संकट खड़ा हो गया है। ये नियुक्तियाँ 10 जनवरी 2025 को उपमुख्यमंत्री अरुण साव के हस्ताक्षर/आदेश पर कराई गई थीं, लेकिन शासन स्तर से स्वीकृति न मिलने के कारण अब प्रशासन ने इन्हें निरस्त करने का आदेश जारी किया।
निगम प्रशासन ने बताया है कि ये नियुक्तियाँ स्वीकृत पदों की सीमा से अधिक कर दी गई थीं और इसलिए इन्हें बनाए रखना नियमों के विरुद्ध माना गया। स्वीकृति न होने की वजह से इन कर्मचारियों का वेतन भी लंबे समय तक रुका रहा था। निगम के अधिकारियों के मुताबिक़, शासन से औपचारिक मंजूरी न मिलने के कारण ही यह कड़ा कदम उठाया गया।
कर्मचारियों ने कहा है कि उन्हें आदेश के आधार पर पदस्थापित किया गया था और उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान सभी औपचारिकताएँ पूरी की थीं; अचानक नियुक्ति रद्द होने से वे अनिश्चितता में हैं और अनेक परिवारों की आजीविका प्रभावित होगी। कई कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर अपनी नियुक्ति बहाल करने की गुहार भी लगाई थी।
हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद निगम प्रशासन ने इन्हें प्लेसमेंट कर्मचारियों की श्रेणी में मानते हुए रुका हुआ वेतन जारी किया था, लेकिन नियोग (नियुक्ति) संबंधी आदेश निरस्त ही रहेंगे जब तक शासन स्तर से अलग तरह का निर्णय या न्यायालय का अंतिम आदेश न आ जाए। इस प्रकरण की अगली सुनवाई और इससे जुड़ी विधिक प्रक्रियाएँ फिलहाल जारी हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन और कर्मचारियों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। अधिकारिक तौर पर निगम ने कहा है कि स्वीकृत पदों से अधिक की नियुक्तियाँ बनाए रखना संभव नहीं और नियमों के अनुसार कार्रवाई अनिवार्य थी; दूसरी ओर प्रभावित कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें आदेश मानकर नियुक्त किया गया था और वे जल्द से जल्द स्थायी समाधान चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को तय की जाएगी — सभी की नज़रें अब अदालत के फैसले पर टिकी हैं।