The Duniyadari: राजनांदगांव– डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की हालत नाजुक, 3 दिन पहले हो चुकी थी बच्चे की मौत, अब माँ की जान पर बन आई शीर्षक से समाचार वेबपोर्टल के माध्यम से प्रसारित किया गया है, जो कि असत्य एवं आधारहीन है।
शासकीय मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार मरीज डोंगरगांव निवासी कुसुम धीमर पति मुकेश धीमर पहली बार शासकीय मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव आयी और 10 जुलाई 2025 शाम 5.37 बजे भर्ती की गई। मरीज के पास बाहर से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट थी, जिसमें 29 सप्ताह का मृत गर्भस्थ शिशु बताया गया था। मरीज की स्थिति स्थिर थी, चूंकि मरीज की पहले 2 सामान्य प्रसव हुए थे। अत: मृत गर्भस्थ शिशु के लिए सामान्य प्रसव का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन मरीज के अटेंडेंट नसबंदी के लिए सिजेरियन डिलीवरी चाहते थे। मरीज की स्थिति भर्ती रहने के दौरान पूरी तरह से स्थिर थी। मरीज का सीजर 11 जुलाई 25 की शाम 7.15 बजे किया गया।
सामान्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार मृत गर्भस्थ शिशु की दवाईयों द्वारा सामान्य डिलीवरी की जाती है। गंभीर स्थिति में ही सीजेरियन किया जाता है, क्योंकि ऐसे मरीजों में थक्का नहीं जमने की स्थिति के कारण सीजर के दौरान लगातार खून बहने से मरीज की जान भी जा सकती है। मरीज का सामान्य प्रसव हो सकता था, किंतु उनके रिश्तेदारों की जिद पर चिकिसकों द्वारा सिजेरियन किया गया। चिकित्सकों द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई। इस तरह की खबरों से चिकित्सकों के मनोबल में कमी आती है।