देश की पहली प्राइवेट ट्रेन जिसने 1 महीने में बनाया रिकॉर्ड

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The Duniyadari: भारतीय रेलवे हमेशा से ही भारत की इकोनॉमी और कनेक्टिविटी की रीढ़ रही है. इसने हमेशा लोगों को जोड़ने और लंबी दूरी तक माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. रिपोर्टों के अनुसार, तेजस एक्सप्रेस ने इस साल अक्टूबर तक लगभग 70 लाख रुपए का मुनाफ़ा कमाया है, जबकि टिकटों की बिक्री से लगभग 3.70 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जेनरेट किया है, जो रेलवे की पहली निजी संचालित ट्रेन के लिए एक स्थिर शुरुआत का संकेत है.

कब शुरू हुई थी ये ट्रेन

इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी की लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस, विश्व स्तरीय मानकों के 50 रेलवे स्टेशनों को विकसित करने और प्राइवेट पैसेंजर ट्रेन ऑपरेटर्स को अपने नेटवर्क पर 150 ट्रेनें चलाने की अनुमति देने की रेलवे की बोली का हिस्सा है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 5 अक्टूबर को ऑपरेशन होने के बाद से ट्रेन औसतन 80-85 प्रतिशत यात्रियों के साथ चली है. 5 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक (21 दिन, क्योंकि ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है), IRCTC द्वारा ट्रेन चलाने में किया गया खर्च लगभग 3 करोड़ रुपए था.

हर रोज पैसेंजर फेयर से कितनी कमाई

आईआरसीटीसी इस अत्याधुनिक ट्रेन को चलाने के लिए रोज औसतन लगभग 14 लाख रुपए खर्च करती है और पैसेंजर फेयर से प्रतिदिन लगभग 17.50 लाख रुपए कमाती है. लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर तेजस एक्सप्रेस रेलवे का पहला अनुभव है, जिसमें नॉन-रेलवे ऑपरेटर और इसकी अपनी सहायक कंपनी IRCTC द्वारा ट्रेन चलाई जा रही है.

IRCTC अपने पैसेंजर्स को कई तरह के बेनिफिट्स भी दे रही है, जिसमें भोजन, 25 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा और देरी की स्थिति में मुआवजा. सरकार ने पिछले महीने निजी ट्रेन संचालन और स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर पहल में तेजी लाने के लिए सचिवों के एक समूह को शामिल करते हुए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया था. हालांकि, समूह की पहली बैठक अभी होनी बाकी है.

शेयर में आई थी तेजी

गुरुवार को आईआरसीटीसी के शेयर में तेजी देखने को मिली थी. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार आईआरसीटीसी 1.20 फीसदी की तेजी के साथ 769.65 रुपए पर देखने को मिला था. वैसे कारोबारी सत्र में कंपनी का शेयर 770.75 रुपए के साथ दिन के हाई पर भी गया. मौजूदा समय में कंपनी का मार्के कैप 61,572.00 करोड़ रुपए है. पिछले साल मई में कंपनी का शेयर 1,148.30 रुपए के साथ 52 हफ्तों के पीक पर पहुंचा था. तब से अब तक कंपनी के शेयर में 33 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है.