धमतरी की शिक्षा व्यवस्था पर लगा दाग, शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में तीन आरोपी सलाखों के पीछे, कई अब भी नौकरी में ले रहे मजे

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The Duniyadari : धमतरी का कुख्यात मगरलोड भर्ती घोटाला फिर चर्चा में

जिले में शिक्षाकर्मी भर्ती से जुड़ा 18 साल पुराना घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। 2007 में स्वीकृत 150 पदों के स्थान पर 172 नियुक्तियाँ की गई थीं, जिनमें फर्जी प्रमाणपत्र, अंकतालिका और अनुभव पत्र के सहारे कई अपात्र लोगों को नौकरी मिली।

तीन बड़े नाम हुए गिरफ्तार

लंबी जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। इनमें सीताराम कुर्रे, इशु कुमार साहू और तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष कोमल यादव शामिल हैं। ये सभी चयन समिति से जुड़े थे और अब किसी पद पर नहीं हैं। पुलिस का कहना है कि उनके खिलाफ पुख़्ता सबूत मिले हैं।

कई दोषियों को पहले ही हो चुकी है सजा

इस मामले में अदालत पहले भी कई दोषियों को सजा सुना चुकी है। वर्ष 2020 में दस शिक्षाकर्मियों को फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का दोषी मानते हुए पांच साल की कैद और जुर्माने की सजा दी गई थी।

 अभी भी 183 लोगों पर जांच जारी

फिलहाल इस भर्ती घोटाले में 183 लोगों की जांच चल रही है। इनमें से कई आज भी सरकारी नौकरी कर रहे हैं और मोटा वेतन ले रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।