The Duniyadari : रायपुर। राजधानी में प्रतिबंधित नशीली टैबलेट निट्रा-10 की अवैध बिक्री के मामले में एनडीपीएस की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। खमतराई थाना क्षेत्र में पकड़े गए चार आरोपियों को अदालत ने 15-15 साल के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा दी है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) पंकज सिन्हा की अदालत ने सुनाया।
मामला मार्च 2021 का है, जब खमतराई पुलिस ने बंजारी मंदिर के पीछे घेराबंदी कर पांच आरोपियों को पकड़ा था। इनमें अतुल शर्मा, विनीत शुक्ला, नरेंद्र शर्मा, पदुम कुमार सिंह और युवराज शर्मा शामिल थे। पुलिस ने इनसे 10 हजार निट्रा-10 टैबलेट जब्त की थीं। जांच के दौरान आरोपी बिक्री के वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई, जबकि एक आरोपी अब भी फरार है।
कोर्ट का सख्त रुख
पिछले कुछ महीनों में रायपुर नारकोटिक्स कोर्ट ने नशीले पदार्थों के मामलों में सख्त रुख अपनाया है। अदालतों ने 9 महीनों के भीतर 145 मामलों में 255 से अधिक तस्करों को सजा सुनाई है। इनमें कई को 20 साल तक की कैद दी गई है। कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि “सूखा नशा समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है,” और इस पर सख्त कानूनी कार्रवाई ही रोकथाम का उपाय है।
हाल के फैसले
2023 में मंदिर हसौद क्षेत्र में पकड़े गए दो तस्कर — अजरुद्दीन उर्फ अजहर और उसके साथी को अदालत ने मई 2025 में 20 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा अलग-अलग मामलों में सलाम कुरैशी, जयप्रकाश, सहदेव, मोहनिश कुरैशी और अक्षय कोल को भी 20-20 साल की सजा दी गई है।
आमानाका, पंडरी, तेलीबांधा और आजाद चौक क्षेत्रों के तस्करों को 15-15 साल की कैद, जबकि टिकरापारा इलाके की रितिका बंजारा को 10 साल की सजा दी गई।
तेज कार्रवाई और मॉनिटरिंग
रायपुर के एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि पुलिस ने नारकोटिक्स मामलों में कार्रवाई से लेकर कोर्ट की सुनवाई तक की सुपरविजन और मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है। टीआई यमन देवांगन की टीम केस की हर सुनवाई पर नजर रखती है ताकि अदालत के निर्देशों का तत्काल पालन हो सके। इसी सक्रियता के कारण आरोपियों को समयबद्ध सजा मिल रही है।












