पहले मर्डर की प्लानिंग, फिर लिखा नोट और ले ली मंत्री की जान… अब टॉयलेट के सेप्टिक टैंक में सबूत तलाश रही पुलिस

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न्यूज डेस्क।ओडिशा के मंत्री नब किशोर दास की हत्या का राज गहराता जा रहा है. जिस पुलिसवाले ने मंत्री का सरेआम कत्ल किया, उसने अब एक सनसनीखेज खुलासा किया है. आरोपी का कहना है कि मंत्री को मारने के बाद उसे उम्मीद नहीं थी कि वो जिंदा बच पाएगा. इसलिए उसने कत्ल की वजह एक कागज़ पर लिखकर अपने पास रख ली थी. ताकि उसके मारे जाने के बाद सच जमाने के सामने आ सके. लेकिन इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद भी वो जिंदा बच गया और उसने वो कागज का टुकड़ा कुछ ऐसे गायब किया कि अब उसे तलाश करने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं.

सेप्टिक टैंक में छानबीन!
वो क़त्ल, जो दिन दहाड़े सैकड़ों लोगों की आंखों के सामने हुआ. वो क़त्ल, जिसका मुल्जिम रंगे हाथों मौका-ए-वारदात से पकड़ लिया गया. वो क़त्ल, जिसने सिर्फ ओडिशा ही नहीं बल्कि पूरे देश को दहला कर रख दिया. पुलिस अब उसी ओपन एंड शट केस के सबूत एक टॉयलेट के पीछे बने सेप्टिक टैंक के अंदर ढूंढ रही है. जी हां, रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजाले तक ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच और सफाईकर्मियों की टीम सेप्टिक टैंक के अंदर मैराथन सर्च ऑपरेशन चला रही है. टॉर्च की रौशनी में कभी खुरपी से तो कभी जाली से टैंक का कोना-कोना छान रही है.

इतने पापड़ क्यों बेल रही पुलिस?
आपने बिल्कुल ठीक समझा ओडिशा पुलिस कुछ इसी तरह मंत्री नब किशोर दास के कत्ल का राज जानने की कोशिश कर रही है. इसके पीछे की साजिश का पता लगा रही है. अब आप पूछेंगे कि भला जिस मामले में मुल्जिम हाथों-हाथ गिरफ्तार कर लिया गया हो, जिसकी जांच ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच के टॉप अफसरों की टीम कर रही हो और जिस मामले की तफ्तीश का सुपरविजन खुद सूबे के एडीजी कर रहे हों, उस मामले की तह तक पहुंचने के लिए आखिर पुलिस को इतने पापड़ क्यों बेलने पड़ रहे हैं? और सबसे अहम तो यही है कि आखिर ऐसे किसी मामले के सबूत सेप्टिक टैंक के अंदर कैसे पहुंच सकते हैं?
29 जनवरी 2023, रविवार
तो इसके लिए आपका चार रोज़ पीछे यानी रविवार 29 जनवरी के दिन लौटना जरूरी है. जब ओडिशा पुलिस ने नब किशोर दास को गोली मारने के फौरन बाद अपने ही महकमे के मेंबर एएसआई गोपाल कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया था. दरअसल, उस रोज़ गोपाल कृष्ण दास को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसकी सुरक्षा के मद्देनजर उसे शहर की भीड़-भाड़ से दूर झारसुगुड़ा एयरपोर्ट के पुलिस स्टेशन में शिफ्ट कर दिया था और यहीं उससे क़रीब साढे चार घंटे तक पूछताछ भी हुई थी.