कोरबा।मजदूर नेता कामरेड नवरंगलाल जैसे नेता बिरले ही होते हैं। उन्होंने जीवन भर मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ी। वे कर्मठ व जुझारू नेता थे। उन्होंने मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी और संघर्षशीलता व परिश्रम से समाज में अपना स्थान बनाया।
कामरेड नवरंग लाल ने बेजुबान बेसहारा सर्वहारा कौम को जुबान दी, उन्हें लड़ना सिखाया तथा शोषित पीड़ितों के लिए 213 बार जेल गए। वह विस्थापितों किसानों मजदूरों की आवाज थे जब किसी को कोई सहारा नहीं दिखता तो लोग कामरेड नवरंग लाल के पास जाने की सलाह देते थे और जब लोग उनके पास जाते थे तो बिना कुछ सोचे उनकी समस्या की समाधान के लिए निकल पड़ते थे।
ऐसे विरले स्व. कामरेड नवरंग लाल कोरबा के ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश के मजदूरों के मसीहा थे। आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं कामरेड नवरंग लाल और उनका जीवन संघर्ष हर पल कुछ न कुछ सीख दे जाता है।
बड़े गौर से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गए दास्तां कहते कहते।………