The Duniyadari:इटावा- पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने का काम किया है। पकड़े गए ठगो ने अभी तक कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। इटावा में लोगों को ठगी का शिकार बनाकर उनके साथ ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा की आदेश पर उनकी पुलिस टीम लगातार ठगो के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दिखाई दे रही है।
फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस, एसओजी टीम, थाना साइबर क्राइम टीम ने मिलकर ठगो को गिरफ्तार करने का काम किया है। मामले को लेकर बताया गया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि भोले वाले लोगों को नौकरी का झांसा देकर, उनको ब्याज पर लोन दिलवाने के नाम पर उनके नाम पर बैंक अकाउंट को खुलवाया जाता था और उनके अकाउंट से रुपए को निकालने का काम किया जाता था।
इस मामले की जानकारी पुलिस टीम को हुई तो पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। यहां 21 और 22 दिसंबर की रात में एसओजी/सर्विलान्स टीम, थाना साइबर क्राइम और फ्रेंड्स कॉलोनी की टीम संयुक्त रूप से भरथना चौराहे के पास चेकिंग अभियान पर थी। तभी टीम को आपराधिक सूचना मिलती है कि गिरोह बनाकर लोगों के साथ ठगी करने वाले धागे जुगरामऊ चौराहे पर मौजूद हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस आवश्यक बल के साथ मौके पर पहुंची। जहां से चार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का काम किया गया।
पकड़े गये व्यक्तियों से पुलिस टीम द्वारा नाम पता पूछते हुये उनकी तलाशी ली गयी तो उन सभी के कब्जे से 02 फर्जी नम्बर प्लेट, 02 उद्यम रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, 04 मोबाइल भिन्न-भिन्न कम्पनी, 01 लैपटॉप, 01 लैपटॉप चार्जर, 02 क्यूआर कोड स्कैनर,14 डेबिट/क्रेडिट/ट्रैवलिंग कार्ड, 10 आधार कार्ड, 4040/- रूपये नकद, 10 चैक बुक (भिन्न-भिन्न बैंक ), 02 पासबुक बरामद किये गये उक्त बरामदगी के सम्बन्ध में पूछताछ की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि हम लोग आम जनमानस को बैंक से सस्ते ब्याज पर लोन दिलवाने एवं सूक्ष्म/लघु/मध्यम उद्योगों में रजिस्ट्रेशन करवाकर रोजगार दिलवाने के नाम पर खाता खुलवा लेते हैं.
उनके नाम पर इन खातों से लिंक मोबाइल सिम कार्ड भी निकलवा लेते हैं और बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी खातों की किट (चैकबुक/पासबुक/एटीएम कार्ड) के यूजर आईडी पासवर्ड व बैंक में लगे सिम कार्ड को उनसे लेकर टेलीग्राम एप्प पर बने ग्रुप E-PAY, ZED-PAY पर खातों की सम्पूर्ण जानकारी भेज देते हैं जिसके उपरान्त उन खातों में साइबर फ्रॉड का रूपया आता है उसका लाभ इन दोनों एप्प के संचालक लेते हैं जिस पर हमें कमीशन रूप में एक खाता उपलब्ध कराने का 70,000/- से 1,00,000/- रूपये तक मिलते हैं ।
इसके अतिरिक्त एक से डेढ़ प्रतिशत रूपये कम्पनी के द्वारा भी हमें लाभ के रूप में दिया जाता है ।बरामद कार पर लगी फर्जी नम्बर प्लेट एवं कार से प्राप्त 01 फर्जी नम्बर प्लेट के सम्बन्ध में पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि हम अपनी पहचान छिपाने के लिये कार में फर्जी नम्बर प्लेट लगा लेते हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने कहा कि हमारी पुलिस टीम, एसओजी टीम, थाना साइबर क्राइम की टीम ने चार ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने का काम किया है जो की भोले वाले लोगों को लालच देकर उनको ठगी का शिकार बना रहे थे। हमारी टीम के द्वारा सराहनीय काम किया गया जिसको लेकर हम अपनी टीम उत्साह वर्धन बढ़ाते हैं और टीम को ₹25000 का इनाम दिया जाता है।