पुलिस स्मृति दिवस पर 1959 में चीन सीमा पर शहीद हुए पुलिस कर्मियों को बस्तर पुलिस ने नमन, अनेक कार्यक्रम भी आयोजित

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रायपुर। बस्तर पुलिस द्वारा 21 से 31 अक्टूबर तक पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार पुलिस स्मृति दिवस के दौरान निबंध, वाद विवाद, चित्रकारी एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजनों के माध्यम से पुलिस एवं जनता के बीच संबंधों को मजबूत किए जाने की पहल की गई।

0.इसलिए मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस

21 अक्टूबर को हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन दस पुलिस वालों को समर्पित है जो 1959 में भारत चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। इस दिन पुलिस में सेवा करने के दौरान शहीद होने वाले कर्मचारियों को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

0.इन शहीदों के सम्मान में मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस

20 अक्टूबर 1959 को उत्तर-पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स की जगह पर तीन पुलिस के दलों को तैनात किया गया था, जो भारतीय अभियान को आगे बढ़ने की तैयारी में था। यह दल लनक ला के रास्ते में था। इस दिन दो दलों के सदस्य उस दिन दोपहर को हॉट स्प्रिंग्स में लौट आए लेकिन, तीसरे दल में दो पुलिस कांस्टेबल और एक कमांडर शामिल थे वे वापस नहीं आए।

 

जिसके बाद सभी पुलिस कांस्टेबल को खोए हुए पुलिस वालों की तलाश में अगली सुबह जुटाया गया।
इस टीम का नेतृत्व डीएसपी करम सिंह कर रहे थे।
दोपहर के समय चीनी सेना के जवानों को एक पहाड़ी पर देखा गया, जिन्होंने करम सिंह के नेतृत्व वाली पार्टी पर गोलियां चलाईं और ग्रेनेड फेंके। उनके लिए कोई छिपने की जगह नहीं थी तो ज्यादातर पुलिस वाले घायल हो गए।

 

इस ऑपरेशन में देश के 10 पुलिस कांस्टेबल शहीद हो गए और बाकि सात घायल हो गए। वहीं सात घायल कांस्टेबल को चीन की सेना ने बंदी बना लिया था। पूरे तीन सप्ताह बाद 13 नवंबर, 1959 को चीनियों द्वारा केवल दस कर्मियों के शव लौटाए गए। इन शवों को हॉट स्प्रिंग्स की जगह पर पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया!

 

जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुख के वार्षिक सम्मेलन ने यह फैसला लिया कि अब से 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस ​ के रूप में मनाया जाएगा। इसी परंपरा का निर्वाह बस्तर पुलिस द्वारा किया गया।