प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 86 मामलों में कार्रवाई की और 31 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की

7

The Duniyadari: बिलासपुर- राज्य शासन के निर्देशों पर बिलासपुर जिले में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ व्यापक और समन्वित अभियान चलाया गया। बीते पांच दिनों में जिले भर में कुल 86 मामलों में कार्रवाई की गई है, जिनमें से 31 मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और खान एवं खनिज अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

शेष 55 मामलों में BNSS की धारा 106 के अंतर्गत जब्ती की कार्यवाही कर माइनिंग विभाग को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। खनन मामलों में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 4(1), 4(1)(A), 21 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2) व 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं।

इस कार्रवाई की गहन निगरानी स्वयं कलेक्टर संजय अग्रवाल (भाप्रसे) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भापुसे) ने की। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने फील्ड से लगातार अपडेट लेकर निर्देश दिए कि अवैध रेत कारोबार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए।

इस संयुक्त अभियान में एसडीएम, एसडीओपी, सीएसपी, तहसीलदार, थाना प्रभारी एवं माइनिंग इंस्पेक्टर सहित सभी विभागीय अमलों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। छापेमारी के दौरान 46 ट्रैक्टर, 14 हाईवा, 2 जेसीबी और 1 चेन माउंटेड पोकलेन समेत भारी वाहन जब्त किए गए। जब्त रेत की अनुमानित मात्रा करीब 500 टन बताई जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार इस कार्रवाई का दोहरा उद्देश्य था- राजस्व और खनिज संसाधनों की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सख्त लहजे में कहा, “बिलासपुर में अवैध रेत खनन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।” वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने कहा कि “कानून के दायरे में रहते हुए, बिना किसी दबाव के दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।” प्रशासन के इस ठोस कदम का असर जमीनी स्तर पर साफ देखा जा रहा है।

पहले जहां खुलेआम अवैध रेत डंपिंग होती थी, अब वहां सन्नाटा है। आमजन ने प्रशासन की पहल का स्वागत किया है और पूर्ण सहयोग की बात कही है। आगे चलकर प्रशासन ड्रोन सर्वे और तकनीकी निगरानी के माध्यम से इन गतिविधियों पर और कड़ी निगाह रखेगा। साथ ही आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी अवैध रेत खनन की जानकारी तत्काल प्रशासन को दें ताकि शीघ्र कार्रवाई की जा सके।