The Duniyadari : दुर्ग। सुपेला थाना पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ऐंठने वाले एक फर्जी निवेश गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने निशा बिज़नेस कंसल्टेंसी और यूनिक इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन के संचालन से जुड़े तीन लोगों—चंदन राव, देवेंद्र सहारे और विवान सिंघानिया—को हिरासत में लिया है, जबकि एक अन्य सदस्य की तलाश तेज कर दी गई है।
शिकायतकर्ता अविनाश कुमार के अनुसार, आरोपियों ने उन्हें और उनके परिवार तथा परिचितों को शेयर मार्केट में हर महीने 10–15% तक कमाई दिलाने का लालच दिया। इसी बहाने योजनाबद्ध तरीके से सभी को टी–सूर्यमाल स्थित अपने ऑफिस में बुलाकर निवेश योजना बताई गई। जून से अगस्त 2025 के बीच अविनाश, उनकी बहन सोनम वर्मा, रिश्तेदार तुलाराम चंद्राकर, संदीप चंद्राकर और अक्षत पाठक से कुल 35 लाख रुपये जमा करा लिए गए, लेकिन न मुनाफा दिया गया और न ही निवेश राशि लौटाई गई।
तफ्तीश के दौरान मुख्य आरोपी चंदन राव के पास से लगभग 13 लाख रुपये की कीमत की एक कार भी जब्त की गई है, जिसे पुलिस ठगी की रकम से खरीदा गया मान रही है। बताया गया कि चंदन राव पहले भी सुपेला थाना क्षेत्र में 75 लाख की एक अन्य ठगी के मामले में जेल भेजा जा चुका है। दोनों मामलों के बीच संबंध तलाशते हुए पुलिस गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है।
पुलिस की अपील
अधिकारियों ने चेताया है कि अत्यधिक लाभ का वादा करने वाली किसी भी निजी कंपनी या व्यक्ति पर बिना जांच भरोसा न करें। किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस टीम तकनीकी और मैदानी दोनों स्तरों पर फरार आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर रही है तथा जिलेभर में दबिशें जारी हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के गिरोह अकसर सोशल मीडिया या निजी संपर्कों के जरिये लोगों को फंसाते हैं। किसी भी निवेश से पहले कंपनी की साख, दस्तावेज और निवेश शर्तों की जांच अनिवार्य है। पुलिस का मानना है कि यह कार्रवाई ऐसे नेटवर्क पर नकेल कसने में अहम साबित होगी और अन्य पीड़ितों को भी न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
तीनों गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी और साजिश से जुड़े अपराधों में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने कहा कि यह मामला निवेशकों में जागरूकता और सावधानी की जरूरत का बड़ा उदाहरण है।














