फसल सस्ती, बीज महंगा.. फिर भी टमाटर, बैंगन और मूली की बढ़ रही खेती

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बिलासपुर- टमाटर में प्रदेश स्तर पर रिकॉर्ड टूट के बाद भी इसके बीज की खरीदी उफान पर है। ऐसी ही स्थिति बैगन और मूली में भी देखी जा रही है। मतलब साफ है कि सब्जी की इन प्रजातियों में मंदी का दौर आगे भी बना रहेगा।

सब्जी उत्पादक किसान पहली बार संकट में हैं। समय पर बोनी के बाद तैयार फसल की कीमत जिस तरह गोता लगा रही है, उसने उद्यानिकी फसल लेने वाले किसानों के माथे पर बल ला दिए है क्योंकि मुनाफा तो दूर, लागत तक की वापसी नहीं हो पा रही है। हद तो तब, जब फसल की तुड़ाई तक के पैसे नहीं निकल पा रहे हैं। यह आगत संकट का स्पष्ट संकेत है क्योंकि बड़े रकबे में सब्जी की फसलें ली गई है।

बीज महंगा, फसल सस्ती

 

टमाटर। सीजन है। समय पर की गई बोनी के बाद फसल ने जिस मात्रा में दस्तक दी हुई है, उसने सीधा असर कीमत पर डाला है। रिटेल में 10 रुपए में सवा किलो मिल रहे टमाटर के बाद, इसका बीज 400 से 1000 रुपये किलो की नई ऊंचाई को पार करने के लिए उतावला है फिर भी मांग है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है।


यह भी खूब

 

महज 20 रुपए में एक किलो मिल रहा है बैगन लेकिन इसका बीज, मांग में दूसरे नंबर पर है। 150 से 200 रुपये में 50 ग्राम बीज की उपलब्धता से किसानों के होश उड़ने लगे हैं। इसके बावजूद बैगन बीज की खरीदी जमकर हो रही है। कुछ ऐसा ही हाल मूली में भी देखा जा रहा है। देसी में 500 रुपए किलो और हाइब्रिड सीड 2000 रुपए किलो जैसी कीमत के बावजूद इसकी खरीदी जारी है। जबकि 30 से 40 रुपए किलो की दर पर तैयार फसल बिक रही है।

लाल और पालक में गर्मी

 

भाजी में मेथी बीज का भाव भले ही 80 से 90 रुपए किलो पर बताया जा रहा हो लेकिन तैयार फसल को वैसी कीमत नहीं मिल रही है, जैसा होना चाहिए। इसके बाद भी भाजी फसल लेने वाले किसानों के बीच मांग इसकी ही है। पालक बीज भी 100 से 250 रुपए किलो पर मजबूती के साथ खड़ा है।

इसमें हाइब्रिड सीड की डिमांड

 

बाजार मूल्य, तैयार फसल की नीचे जाने के बावजूद पत्ता और फूलगोभी का बीज क्रमश 10 ग्राम का पैक 200 से 500 रुपए और 400 से 500 रुपए में खरीदा जा रहा है। उपभोक्ताओं को भले ही तैयार फसल की खरीदी राहत दे रही हो लेकिन किसान, बीज और खुदरा बाजार की स्थिति हलाकान है।