The Duniyadari : बलौदाबाजार। जिले के बारनवापारा अभ्यारण्य में बाघ की सक्रियता के संकेत मिलने से वन विभाग अलर्ट हो गया है। क्षेत्र में बाघ की मूवमेंट की सूचना मिलते ही विभाग की टीमें तुरंत निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था में जुट गई हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह बाघ संभवतः पड़ोसी जिले गरियाबंद के देवभोग क्षेत्र से यहां पहुंचा हो सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
जिले के डीएफओ गणवीर धम्मशील ने बताया कि ट्रैकिंग के माध्यम से बाघ की गतिविधियों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में भी इसी क्षेत्र में एक बाघ देखा गया था, जिसे बाद में सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया था। लगातार दूसरे वर्ष बाघ की उपस्थिति क्षेत्र की पारिस्थितिकी के बेहतर स्वास्थ्य की ओर संकेत करती है।
वन विभाग ने अभ्यारण्य क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और सभी टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कुछ पाबंदियां भी लागू की गई हैं। प्रमुख मार्गों पर निगरानी बढ़ाई गई है, जबकि ग्रामीणों से जंगल में सतर्कता बरतने और किसी भी बाघ देखे जाने की सूचना तुरंत विभाग को देने की अपील की गई है।
विभाग ने बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप्स और ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग शुरू कर दिया है। स्थानीय वन रक्षकों को भी लगातार क्षेत्रीय निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बारनवापारा अभ्यारण्य का यह इलाका बाघ और अन्य वन्यजीवों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करता है। यहां पहले से ही 28 हाथियों का दल निवास करता है, और अब बाघ की उपस्थिति से यह क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से और अधिक समृद्ध हो गया है।
पर्यावरणविदों का कहना है कि बाघ की वापसी वन संरक्षण के प्रयासों की सफलता का परिणाम है। उन्होंने नागरिकों से जंगल में आग या किसी भी ऐसी गतिविधि से परहेज करने की अपील की है, जिससे बाघ के प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुँचे।
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बाघ की सुरक्षा और उसके आवास के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन बना रहे।












