रायपुर। छत्तीसगढ़ में 12 से 14 साल वाले बच्चों को वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 मार्च से होगी। अब कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बच्चों को भी सुरक्षा कवच मिल जाएगा। सरकार ने 12 से 14 साल तक के बच्चों को भी कोरोना टीका लगाने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए व्यापक अभियान 16 मार्च से शुरू हो रहा है। छत्तीसगढ़ में इस आयु वर्ग के 13 लाख 21 हजार 286 बच्चे हैं।
कोरोना टीकाकरण की नोडल अधिकारी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया, स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के टीकाकरण की तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस आयु वर्ग में आ रहे लोग कोविन एप पर अपना पंजीयन करा सकते हैं।
डॉ. शुक्ला ने बताया, 12 से 14 साल आयु वर्ग के बच्चों को हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई कंपनी से बने कॉर्बेवैक्स टीके लगाए जाएंगे। टीकाकरण अभियान में टीके की दो डोज लगाई जानी है। पहले डोज के चार सप्ताह बाद दूसरा डोज लगाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों के जिला टीकाकरण अधिकारियों को अपग्रेड प्रशिक्षण दे दिया गया है।
डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया, इस आयु वर्ग के 13 लाख 21 हजार से अधिक बच्चों को चिन्हित किया गया है। अभी तक 15 से 18 साल तक के किशाेरों को ही कोरोना का टीका लगाया जा रहा था। इस आयु वर्ग के किशोरों को कोवैक्सीन टीका लगाया जा रहा है।
0.सभी बुजुर्गों को उपलब्ध होगा बूस्टर डोज
डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया, राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के प्रिकॉशन डोज के लिए कोमोरबिडिटी यानी गंभीर बीमारियों से प्रभावित रहने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
इस आयु वर्ग के ऐसे लोग जिन्हें दूसरी खुराक लिए नौ महीने या 39 सप्ताह पूरे हो चुके हैं, वे अपनी तीसरी खुराक निकटतम टीकाकरण केंद्र में जाकर ले सकते हैं। प्रदेश में कोविड टीकाकरण के लिए अभी दस लाख 64 हजार से अधिक टीके उपलब्ध हैं।
0.68% से अधिक बच्चों को लग चुका पहला डोज
राज्य में 15 से 18 वर्ष के 11 लाख 16 हजार 786 किशोरों को कोरोना टीके की पहली डोज लग चुकी है। यह करीब 68% होता है। करीब 45% किशोरों को टीके के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं।
यानी सात लाख 45 हजार 800 बच्चों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं। इसी तरह चार लाख पांच हजार 18 स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के नागरिकों को प्रिकॉशन डोज भी लगाया जा चुका है।