बिरला खानदान की लाडली का कमाल, रात-द‍िन की मेहनत से क‍िया इस कंपनी का टेकओवर

0
378

न्यूज डेस्क। कहते हैं कि अगर इरादे फौलादी हों. संघर्ष और रिस्क लेने की क्षमता हो तो बड़े से बड़े मकसद को हासिल किया जा सकता है. कोई भी राह मुश्किल नहीं है बस आप ठान लें जो काम कर रहे हैं उसे शिद्दत के साथ निभाना है. जब बड़े बड़े औद्योगिक घरानों की चर्चा होती है तो बिरला ग्रुप का नाम अपने आप सबकी जुबां पर आ जाता है. यहां हम बात करेंगे बिरला वंश की पांचवीं पीढ़ी से नाता रखने वाली अनन्या बिरला(स्वतंत्र माइक्रोफिन की मालकिन) की. अनन्या की कंपनी ने हाल ही में अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी चैतन्य इंडिया फिन क्रेडिट अधिग्रहण कर गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC)सेक्टर में नंबर दो की पोजिशन पर पहुंच गई हैं.

17 की उम्र में बनायी कंपनी

कमोडिटी टाइकून कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी अनन्या बिड़ला ने महज 17 साल की उम्र में माइक्रोफाइनेंस कंपनी स्वतंत्र माइक्रोफिन शुरू की थी. चैतन्य इंडिया फिन क्रेडिट के अधिग्रहण के साथ ही गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी बैनर के तहत माइक्रोफाइनेंस संस्थानों में दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी बना दिया. इस अधिग्रहण के साथ स्वतंत्र की आर्थिक ताकत अब 130 बिलियन रुपये (1.6 बिलियन डॉलर) तक पहुंच जाएगी. अधिग्रहण के ठीक बाद एक ट्वीट में कहा कि अब हम नंबर 1 बनने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

भारत में एनबीएफसी कारोबार 43 बिलियन डॉलर का

इस समय बेंगलुरु की क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण 30 सितंबर 2023 तक प्रबंधन के तहत $2.7 बिलियन की संपत्ति के साथ नंबर 1 खिलाड़ी है. बता दें कि भारत में एनबीएफसी सेक्टर का कारोबार 31 मई, 2023 तक 43 बिलियन डॉलर का है. एनबीएफसी के जरिए कुल 70 मिलियन लोगों को कर्ज दिया गया है. माइक्रोफाइनेंस उद्योग निकाय एमएफआईएन इंडिया के सीईओ आलोक मिश्रा कहते हैं कि स्वतंत्र माइक्रोफिन द्वारा सचिन बंसल के चैतन्य का अधिग्रहण करना माइक्रोफाइनेंस सेक्टर और स्वतंत्र दोनों के लिए अच्छी खबर है. यह अधिग्रहण इस मायने में भी खास है क्योंकि इससे स्वतंत्र को दक्षिण भारत में रणनीतिक पहुंच हासिल होगी. स्वतंत्र माइक्रोफिन अपने कुशल संचालन और जिम्मेदार ऋण देने के लिए जाना जाता है, उच्च आकार इसे और मजबूत करेगा और पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के माध्यम से उच्च दक्षता में भी योगदान देगा. अनन्या ने 2012 में स्वतंत्र को शामिल किया और 2013 में ग्रामीण महिला उद्यमियों को छोटे लोन की सुविधा दी.