The Duniyadari : पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों की वोटिंग पूरी होने के बाद अब एग्जिट पोल के नतीजों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। अधिकतर सर्वे एजेंसियों ने अपने अनुमानों में एनडीए गठबंधन को स्पष्ट बढ़त दी है, जबकि महागठबंधन को बहुमत से दूर बताया गया है। हालांकि, आरजेडी ने इन आंकड़ों को खारिज करते हुए कहा है कि “असली फैसला जनता ने ईवीएम में दिया है” और 14 नवंबर को “बदलती तस्वीर” सबके सामने होगी।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एग्जिट पोल के नतीजे पहले भी कई बार गलत साबित हुए हैं और इस बार भी होंगे। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता ने एनडीए सरकार को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है।
उन्होंने कहा, “जैसे सूरज का पूरब में उगना तय है, वैसे ही बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनना तय है। एनडीए का अर्थ है — नैया डूबेगी अबकी बार।”
तिवारी ने आगे कहा कि इस बार जनता ने महागठबंधन को भारी मतों से समर्थन दिया है और 14 नवंबर को जब मतगणना होगी, तो बिहार नया इतिहास लिखेगा। उन्होंने यहां तक कहा कि “18 नवंबर को तेजस्वी यादव का शपथग्रहण तय है।”
आरजेडी नेताओं का कहना है कि इस चुनाव में रिकॉर्ड मतदान हुआ है, जो बदलाव का संकेत है। पहले चरण में 65.08% और दूसरे चरण में 68.89% मतदाताओं ने वोट डाले हैं। पार्टी का मानना है कि यह ऊंची वोटिंग दर एनडीए विरोधी लहर का परिणाम है।
दूसरी ओर, एग्जिट पोल के रुझान बताते हैं कि एनडीए गठबंधन एक बार फिर सत्ता में लौट सकता है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार का मतदाता कई बार सर्वे अनुमानों को उलट चुका है, इसलिए फाइनल नतीजे का इंतजार ही सबसे अहम है।
अब सबकी नजरें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब मतगणना के बाद यह साफ होगा कि बिहार में किसकी बनेगी सरकार — एनडीए की वापसी या तेजस्वी यादव की नई पारी की शुरुआत।












