The Duniyadari : बिहार/पटना :आज जारी मतगणना के रुझानों (leading trends) से ज़ाहिर हो रहा है कि National Democratic Alliance (एनडीए) ने अपने पक्ष में स्थिति काफी मजबूत बना ली है। इस परीक्षा-चिह्न जितने वाले राज्य में विपक्षी Mahagathbandhan एवं उनकी प्रमुख पार्टी Rashtriya Janata Dal एक बड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं।
मुख्य बिन्दु
- एनडीए अब तक लगभग 190 सीटों पर बढ़त बनाए हुए दिख रहा है; यदि यही रुझान परिणाम में बदल गया, तो उसे बहुमत से बढ़कर खाता खुलने का संकेत मिलेगा।
- इसके मुकाबले महागठबंधन लगभग 50 सीटों पर सिमट कर नजर आ रहा है — यह उनके लिए चिन्ताजनक संकेत है।
- एनडीए के भीतर विभाजन-रहित मजबूती भी दिख रही है:
- Bharatiya Janata Party (भाजपा) लगभग 84 सीटों पर आगे है।
- उनके सहयोगी Janata Dal (United) (जदयू) ने लगभग 75 सीटों पर बढ़त दर्ज की है।
- एक अन्य सहयोगी Lok Janshakti Party (Ramvilas) (एलजेपी) लगभग 23 सीटों पर बना हुआ है।
- विपक्षी गठबंधन की स्थिति:
- राजद (RJD) लगभग 36 सीटों पर आगे।
- Indian National Congress लगभग 5 सीटों तक सिमटी।
- VIP Party मात्र 1 सीट पर दिख रही।
- नया रूप लेने वाली Jan Suraaj Party (प्रशांत किशोर की पार्टी) अभी तक significant गति नहीं पकड़ पाई।
- कुछ प्रमुख हस्तियों के रुझान:
- राजद नेता Tejashwi Yadav “राघोपुर” से आगे नहीं दिख रहे।
- उनके बड़े भाई Tej Pratap Yadav महुआ से पिछड़ रहे।
- अन्य चर्चित उम्मीदवार जैसे Khesari Lal Yadav छपरा से पीछे चल रहे हैं।
- जश्न की शुरुआत: जदयू कार्यालय में बढ़त के बाद समराह हुआ है — कार्यकर्ता घंटा-घंटी बजाते-गाते उत्साहित दिख रहे हैं।
क्यों है यह बढ़त मायने रखती?
- इस विधानसभा चुनाव की महत्व कड़ी है — क्योंकि यह राज्य राष्ट्रीय राजनीति में “प्रारंभिक संकेतक” माना जाता है।
- मतदान में रिकॉर्ड भागीदारी बनी — राज्य ने पहली बार करीब 66–69 % तक वोटिंग दर दर्ज की है।
- एनडीए-गठबंधन को प्रवृत्ति के लिहाज से प्रबल समर्थन दिख रहा है — कई एजेंसियों ने उन्हें 140–160 सीटों के आसपास जीत का अनुमान दिया था।
आने-वाले समय में क्या देखना होगा?
- आज पूरे रात और कल सुबह तक चलने वाली मतगणना के दौरान यह देखा जाएगा कि क्या ये रुझान साबित-होने वाले परिणामों में बदल जाते हैं या नहीं।
- गठबंधन के अंदर सीट-वितरण, शुभंकर और आगे का नेतृत्व (कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इत्यादि) भी अहम होगा।
- विपक्षी महागठबंधन के लिए होगा यह सवाल: किस तरह से वे इस बढ़ती चुनौती का सामना करेंगें और भविष्य की रणनीति क्या होगी।














