बिलासपुर। हाईकोर्ट ने मुंगेली नगरपालिका के बर्खास्त अध्यक्ष संतू लाल सोनकर को नियमित जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया है। बता दें कि सोनकर नाली निर्माण में घोटाले के आरोप में जेल में हैं। उन पर आरोप है कि अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने नगर पालिका के परमहंस वार्ड में 300 मीटर नाली निर्माण कराए बिना ठेकेदार व सप्लायर सोफिया कंस्ट्रक्शन को 13 लाख 21 हजार रुपए का भुगतान कर दिया।
इस मामले में कांग्रेस पार्षदों की शिकायत के बाद नगर पालिका के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ठेकेदार, अकाउंटेंट सहित छह लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई थी। सोनकर ने सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत के लिए प्रयास किया। नामंजूर होने के बाद उन्होंने मुंगेली की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। बाकी 5 आरोपी अभी भी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
हाईकोर्ट में सोनकर के अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि कार्य शुरू करने के बाद ठेकेदार बिल प्रस्तुत करता है तथा सीईओ और अन्य अधिकारी निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हैं। वे संतुष्ट होने के उपरांत भुगतान का प्रस्ताव उनके समक्ष लाते हैं। वे अंत में चेक पर हस्ताक्षर करते हैं, इसलिए उनकी इसमें कोई गलती नहीं है। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने मामले की सुनवाई के बाद सोनकर को नियमित जमानत दे दी।