प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रदेश की राजधानी रायपुर में क्रिकेट के आयोजन के बाद कोरोना ने बड़ी तेजी से प्रदेश में पांव पसार लिया था, जिसके बाद प्रदेश में जमकर हाहाकार मचा था। ऐसे ही बढ़ते कोरोना और ओमोक्रोंन संक्रमण के बीच 20 राज्यों से आने वाले खिलाड़ियों के फुटबॉल मैच के आयोजन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कोरबा। एक तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रम को देखते हुए 31फर्स्ट के सभी आयोजनों को निरस्त कर दिया और कई संस्थाओं ने स्वतः अनुकरणीय पहल करते हुए पूर्वनिर्धारित महंगे आयोजनों को रद्द कर दिया तो दूसरी ओर 09 जनवरी से 43वीं राष्ट्रीय महिला फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है, जो अब शहर में चर्चा का विषय बन गया है और लोग कोरोना के सेकण्ड वेव को याद करते रायपुर में हुए क्रिकेट की याद ताजा कर रहे है कि किस प्रकार से क्रिकेट के हुए आयोजन के बाद कोरोना ने प्रदेश में कैसे कहर मचाया था ?
बता दें कि जिले में 43वीं राष्ट्रीय महिला फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। 09 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक इस फुटबॉल चैम्पियनशिप का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के मुखिया के हाथों फुटबाल मैच का शुभारम्भ होना है।महिला फुटबॉल महासंघ के महासचिव शेख जावेद ने बताया कि इस चैम्पियनशिप में 20 राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही हैं और इस आयोजन में लगभग 52 मैच खेले जाएंगे।
देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा है। 31 दिसंबर तक ओमिक्रॉन देश के 21 राज्यों में पहुंच चुका था और इसके फैलने का ग्राफ और मरीजों के आंकड़ों का ग्राफ दिनोंदिन अबाध रूप से बढ़ता ही जा रहा है। इस स्थिति में फुटबॉल मैच जिसमें 20 राज्यों की टीमें हिस्सा लेने जा रही है, यह उर्जानगरी कोरबा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है।
चिंता इसलिए क्योंकि जिन राज्यों से खिलाड़ी आ रहें हैं, उन राज्यों में कोरोना के साथ ही ओमोक्रोंन का भी संक्रमण उफान पर है। सीधी सी बात यह भी है कि जब 20 राज्यों से टीम की महिला खिलाड़ियों का आगमन होगा तो महिलाओं के साथ उनके अभिभावकों का आगमन भी होगा और पीछे-पीछे उनके प्रशंसकों की भीड़ भी, रही बात कोच या अन्य लोग तो उन्हें भी रोका नहीं जा सकता।
इस आयोजन को लेकर शहर में हो रही चर्चाओं ने ठंडी शीतलहर के बीच माहौल गर्म कर दिया है, सोशल मीडिया में कई तरह के कमेंट्स किए जा रहे हैं।