The Duniyadari : बिलासपुर, 11 दिसंबर।लालखदान के पास नवंबर की शुरुआत में हुई भीषण ट्रेन टक्कर के बाद रेलवे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मसूद आलम को उनकी जिम्मेदारी से हटा दिया है। शुरुआती जांच मिलते ही उन्हें उनके पद से मुक्त कर TRS शाखा में भेज दिया गया, जबकि ऑपरेशन की कमान अब शशांक कोष्टा को सौंप दी गई है। हादसे वाले दिन के बाद से ही मसूद आलम को अवकाश पर भेज दिया गया था और अब विभाग ने उनका स्थानांतरण भी कर दिया है।
4 नवंबर की शाम जो दुर्घटना हुई, उसने पूरे रेलवे तंत्र को हिला दिया था। गतौरा और लालखदान के बीच चल रही मेमू ट्रेन बिना रुके आगे बढ़ती रही और एक जगह खड़ी मालगाड़ी से इतनी जोरदार टकराई कि मेमू का इंजन ऊपर जाकर अटक गया। इस हादसे में लोको पायलट विद्यासागर समेत बारह लोगों की मौके पर मौत हो गई और कई यात्री गंभीर रूप से जख्मी हुए। घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया था कि सुरक्षा व्यवस्था में कितनी बड़ी चूक हुई।
रेलवे ने मामले को गंभीर मानते हुए CRS बी.के. मिश्रा की अगुवाई में एक विस्तृत जांच शुरू की। टीम ने घटना स्थल का दौरा किया, पूरे ट्रैक की स्थिति जांची और कई कर्मचारियों से बातचीत की। पूछताछ और दस्तावेजों की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि मेमू ट्रेन चला रहे चालक का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन संतोषजनक नहीं था, फिर भी उसे ट्रेन संचालन की ड्यूटी सौंप दी गई थी। ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी जिस विभाग पर होती है, उसी में सबसे पहले सख्त कदम उठाया गया।
जांच में एक और बात सामने आई—यह हादसा किसी एक व्यक्ति की गलती से नहीं हुआ, बल्कि कई स्तरों पर प्रक्रियाएं ढीली पड़ गई थीं। सुरक्षा नियमों का पालन ठीक से नहीं हुआ, तकनीकी निगरानी में कमी रही और ऑपरेशनल निर्णयों में भी लापरवाही हुई। इन सबने मिलकर दुर्घटना को जन्म दिया।
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद और भी कर्मचारियों पर कार्रवाई की संभावना है। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़ी बड़ी प्रशासनिक घोषणाएं देखने को मिल सकती हैं।














