The Duniyadari : रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में गुटबाजी अपने चरम पर पहुंच गई है। वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी के चलते पार्टी असमंजस की स्थिति में है। ऐसे में अमित शाह का रायपुर में रुकना डैमेज कंट्रोल की कवायद से ज्यादा कुछ नहीं है।
बैज ने नक्सली आत्मसमर्पण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुए सरेंडर को सरकार इवेंट की तरह पेश कर रही है। “103 नक्सलियों का पूरा प्रोफाइल जनता के सामने क्यों नहीं लाया जा रहा?” उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा शासनकाल में फर्जी सरेंडर और निर्दोष आदिवासियों की गिरफ्तारियां हुई थीं, जिनकी पीड़ा आज भी बस्तर में महसूस की जाती है। बैज ने तंज कसते हुए कहा – “2016 में नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन दी गई थी, अब क्या 2026 तक खत्म होगा? गृहमंत्री को बताना चाहिए कि क्या वे इसकी गारंटी देंगे।”
ऑनलाइन सट्टा एप महादेव को लेकर भी बैज ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया, लेकिन आज वही एप सरकार की नाक के नीचे फल-फूल रहा है। NCRB रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ सट्टे के कारोबार में नंबर वन है। “डबल इंजन की सरकार है, फिर ऑनलाइन सट्टा एप क्यों बंद नहीं हो रहा? दरअसल, यह सरकार भ्रष्टाचार की पोषक बन चुकी है, इसलिए कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।”
इसके अलावा चुनाव आयोग के SIR पायलट प्रोजेक्ट को लेकर भी बैज ने आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल उठाया कि रायपुर में तीन विधानसभा सीटें और हैं, लेकिन केवल रायपुर ग्रामीण को ही क्यों चुना गया? उनके मुताबिक, यह कदम निष्पक्ष चुनाव की बजाय एक सुनियोजित प्रोपोगेंडा है।