The duniyadari कोरबा : आदिमजाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणी बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है और आगे के कार्यवाही के लिए कलेक्टर और डीएसपी को आवेदन प्रस्तुत किया है |
पार्षद नरेन्द्र देवांगन ने कहा कि फर्जी महापौर ने पौने पांच साल कोरबा की जनता के साथ छल और विश्वासघात किया है इस कृत्य से कोरबा का विकास अवरूद्ध हुआ है जिससे कोरबा की जनता विभीन्न मूलभूत सुविधाओं से वंचित रही है.
सड़को व निर्माण कार्यों में कमीशन जैसे छल कर फर्जी महापौर ने जनता को काफी तकलीफों का सामना करने पर मजबूर किया है, निश्चित ही ये जनता का श्राप महापौर को मिला है,
कोरबा के फर्जी महापौर से सैलरी, मकान, गाड़ी और निगम को हुई नुकसान की भरपाई होनी चाहिए और इस कृत्य के लिए एएफआई दर्ज होनी चाहिए, जिससे दुबारा कोई इस प्रकार से कृत्य करके जनता के पैसों का दुरुपयोग न कर पाएं,
राजनीति में इस तरह के फर्जीवाड़े के लिए कोई स्थान नही है। फर्जी महापौर को शर्म आनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा देना चाहिए। और सार्वजनिक रूप से कोरबा की जनता से माफी मांगे !