मारवाड़ की राजनीति का बड़ा चेहरा बनकर उभरीं दिव्या मदेरणा, जानिए क्यों हो रही

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जयपुर: कांग्रेस नेता दिव्या मदेरणा वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बनकर सदन तक पहुंची। अपने बेबाक अंदाज के कारण न केवल राजस्थान बल्कि देशभर में उन्होंने अपनी विशेष पहचान बनाई है। भले ही वे पहली बार विधायक बनी हों, लेकिन सदन में क्षेत्र की जनता के मुद्दे उठाने और सरकार के समक्ष अपनी बात बेबाकी से रखने का उनका अंदाज निराला है।
सरकार से भिड़ने से नहीं हिचकिचाती दिव्या मदेरणा

क्षेत्र की जनता के काम कराने के लिए वे अपनी ही पार्टी की सरकार से सीधे भिड़ जाती हैं। बीते साढ़े चार साल में ऐसे कई मौके आए जब दिव्या मदेरणा ने सदन में ही सरकार के मंत्रियों को निशाने पर लिया। उनके क्षेत्र के विकास कार्य अटकाने वालों को सबके सामने बेनकाब किया। साथ ही चेतावनी भरे लहजे में कहा कि क्षेत्र की जनता के काम लटकाने वालों को वे कभी माफ नहीं करेंगी।

दिव्या का एक ही मंत्र पार्टी पहले, नेता बाद में

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में आपसी गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। दिव्या मदेरणा ने दोनों गुटों से दूरी बनाए रखी। उन्होंने साफ साफ कहा कि उनके लिए पार्टी पहले है और नेता बाद में। जो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व आदेश देगा, वो उसका पालन करेंगी। पायलट और गहलोत गुट से उन्होंने हमेशा दूरी बनाए रखी।