The Duniyadari : रायपुर। रायपुर और कोरबा के बाद अब प्रदेशभर में महिला डीएसपी कल्पना वर्मा और होटल कारोबारी दीपक टंडन उर्फ अंबेडकर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। डीएसपी पर लगाए गए आरोपों के बीच दीपक टंडन खुद भी कई पुराने और गंभीर आपराधिक मामलों के कारण सुर्खियों में आ गया है। उस पर भर्ती परीक्षा से लेकर कोयला कारोबार तक में धोखाधड़ी के आरोप दर्ज हैं।
जानकारी के अनुसार, दीपक टंडन का नाम सबसे पहले वर्ष 2018 में एक बड़े फर्जीवाड़े में सामने आया था। रायपुर के सिविल लाइंस थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। आरोप था कि उसने व्यापम की राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का झांसा देकर उम्मीदवारों से रकम वसूलने की कोशिश की। बीरगांव निवासी एक युवक ने शिकायत में बताया था कि टंडन ने प्रति अभ्यर्थी तीन लाख रुपये की मांग की थी और खुद को प्रभावशाली बताते हुए परीक्षा में पास कराने का दावा किया था। बाद में न तो प्रश्नपत्र मिला और न ही पैसे लौटाए गए।
इसके बाद टंडन पर कोयला कारोबार के नाम पर ठगी के आरोप भी लगे। मार्च 2022 में एक कोयला कारोबारी ने शिकायत की थी कि टंडन ने प्रशासनिक पहुंच का हवाला देकर बड़ा टेंडर दिलाने का वादा किया और 15 लाख रुपये ले लिए। बदले में दिए गए चेक खाते बंद होने के कारण बाउंस हो गए। वहीं, अप्रैल 2025 में एक अन्य मामले में कोयला सप्लाई के नाम पर 27 लाख रुपये वसूलने के आरोप में कोरबा न्यायालय ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
इन पुराने मामलों के बीच डीएसपी कल्पना वर्मा से जुड़े कथित लेन-देन और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही बातचीत ने विवाद को और गहरा दिया है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि दीपक टंडन ने डीएसपी के परिवार के साथ बड़े पैमाने पर कारोबारी संबंध बताए और नकद राशि, आभूषण व अन्य कीमती सामान के लेन-देन का दावा किया। हालांकि डीएसपी कल्पना वर्मा ने अपने लिखित बयान में इन आरोपों को पारिवारिक विवाद बताते हुए वायरल चैट को फर्जी करार दिया है।
सोशल मीडिया पर आम लोग इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। कई यूजर्स ने दीपक टंडन और उसकी पत्नी के बैंक खातों की जांच कराने की भी बात कही है। कानूनी जानकारों का मानना है कि भर्ती परीक्षा से जुड़े आरोप, कोयला कारोबार में कथित धोखाधड़ी और बड़े आर्थिक लेन-देन के मामले गंभीर प्रकृति के हैं, जिनमें गहन पुलिस और न्यायिक जांच जरूरी है।
फिलहाल रायपुर के सिविल लाइंस थाना और कोरबा पुलिस ने संबंधित मामलों की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि सभी आरोपों की तथ्यात्मक जांच के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी। वहीं जनता और सोशल मीडिया की नजर इस बात पर टिकी है कि इस हाई-प्रोफाइल विवाद में कानून अपना काम कितनी निष्पक्षता से करता है।














