न्यूज डेस्क।सियासी उठापटक और अस्थिरता को लेकर झारखंड हमेशा से चर्चा में रहा है। पिछले दो दशक में दर्जनों दफे ऐसी नौबत आयी है, जब झारखंड देशभर में सुर्खियों में रहा। पिछले तीन दिनों से झारखंड एक बार फिर चर्चा में है। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के तीन विधायक पश्चिम बंगाल में 48 लाख रुपए नकद के साथ पकड़े गये। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद झारखंड की सियासत में फिर उठापटक शुरू हो चुकी है।
रांची से लेकर दिल्ली तक सत्तारूढ़ पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बंगाल सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है। जांच में क्या खुलासा होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन घटना की पूरी सच्चाई सामने आनी बाकी है। अभी तक जितनी बातें सामने आयी हैं, यह सिर्फ नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप और सोशल मीडिया के हवाले से आयीं हैं। न पुलिस और न ही किसी जांच एजेंसी ने पूरे रहस्य से पर्दा उठाया है।
कांग्रेस से निलंबित गिरफ्तार तीनों विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को मीडिया के सामने नहीं लाया गया। न ही उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस ने भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाये हैं। आरोप यह भी लगाये गए हैं कि भाजपा ने ही कांग्रेस विधायकों को भारी राशि और मंत्री पद का प्रलोभन दिया। कांग्रेस के प्रभारी और प्रदेश के नेताओं ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा पर सीधा आरोप लगाया है कि कांग्रेस के विधायक उनके संपर्क में थे। तब सवाल उठता है कि तीन विधायकों को क्या सिर्फ 48 लाख रुपए देने के लिए बुलाया गया था। तीन विधायकों को पैसे देकर क्या सरकार गिरायी जा सकती थी?
विधायक कुमार जयमंगल ने दर्ज कराया है केस
इस घटना के दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी के विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने तीनों विधायकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें उन्होंने रहस्योद्घाटन किया है कि उन्हें भी विधायकों ने इस बात की जानकारी दी थी कि एक-एक विधायक को दस-दस करोड़ रुपए देने की बात तय हुई थी। विधायक इरफान अंसारी को मंत्री पद देने का वायदा किया गया था। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो झारखंड की झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार को बंगाल की तृणमूल सरकार से मदद मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि तीनों के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा ही है। ऊंगली भाजपा की ओर उठे इसलिए तीनों विधायकों को बलि का बकरा बनाए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।