वेतन समझौते को लेकर कोल इंडिया से लड़ रहे कोलकर्मियों को नहीं मिली राहत, अदालन ने थमाई अगली तारीख

0
215

मध्य प्रदेश। वेतन समझौते के अपने हक की लड़ाई लड़ रहे कोयलाकर्मी कोल इंडिया के खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय की शरण में हैं। मामले में कोल श्रमिकों की ओर से हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष सह जेबसीसीआई के सदस्य नाथूलाल पांडेय पक्ष रख रहे हैं। उन्हें उम्मीद थी कि मंगलवार की सुनवाई में फैसला उनके पक्ष में होगा और उन्हें राहत मिल जाएगी। पर ऐसा नहीं हो सका और अदालत ने उन्हें अगली तारीख देते हुए सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की डेट तय कर दी है।

कोयला कामगारों को जबलबपुर हाई कोर्ट से 3 अक्टूबर को भी राहत नहीं मिल सकी। कोल इंडिया के अधिकारियों ने कामगारों के वेतन समझौते को चुनौती दी थी। इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस पर कोल इंडिया का कहना था कि वेतन समझौते में डीपीई की मंजूरी नहीं ली गई है। इसी साल 29 अगस्त को अंतिम सुनवाई के बाद जबलपुर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यूनियन की ओर से इसमें एचएमएस के नाथूलाल पांडेय ने दलील दी थी। जबलपुर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 11वों वेतन समझौते के 22 जून, 2023 के कोल मंत्रालय द्वारा जारी अप्रूवल आॅर्डर को रद्द कर दिया। इस मामले पर निर्णय लेने के लिए डीपीई के पास भेजने का आदेश दिया है। उसपर 60 दिनों में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इस मामले में मजदूरों की ओर से हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष सह जेबसीसीआई के सदस्य नाथूलाल पांडेय पक्ष रख रहे हैं। कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से भी वेतन समझौते के पक्ष में पैरवी की जा रही है। कामगारों को उम्मीद थी कि कोर्ट से आज राहत मिल जाएगी। हालांकि अगली तारीख मिल गई। अब कोर्ट से इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर का डेट तय किया गया है।