The Duniyadari : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित की गई है।
इससे पहले चैतन्य की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 31 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। शीर्ष अदालत ने ईडी को 10 दिनों के भीतर अपना काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया था। इस दौरान चैतन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क रखे जबकि ईडी की ओर से एएसजी एस.वी. राजू उपस्थित रहे।
ईडी की कार्रवाई और आरोप
• ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को भिलाई स्थित घर से गिरफ्तार किया था।
• उन पर आरोप है कि शराब घोटाले से लगभग 16.70 करोड़ रुपए की अवैध राशि उन्हें प्राप्त हुई।
• जांच एजेंसी का दावा है कि इस रकम का उपयोग उन्होंने रियल एस्टेट कारोबार में किया।
• “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में नकद लेनदेन और फर्जी फ्लैट खरीद के जरिए यह राशि निवेश होने की बात सामने आई।
• बैंकिंग लेनदेन से यह भी संकेत मिले हैं कि यह पैसा शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों के माध्यम से पहुंचा।
पहले ही कई बड़े नाम गिरफ्त में
ईडी की कार्रवाई में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अफसर अरुण पति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत कई प्रमुख लोग पहले से न्यायिक हिरासत में हैं।
शराब घोटाले में लगभग 2,500 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान राज्य को होने की बात जांच में सामने आई है।














