The Duniyadari : रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को पूछताछ अवधि खत्म होने के बाद विशेष अदालत में पेश किया गया। चैतन्य की 13 दिन की ईओडब्ल्यू रिमांड पूरी हो चुकी है, जिसके बाद आज उन्हें सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में लाया गया। इसी केस से जुड़े कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी दीपेन चावड़ा को भी आज कोर्ट में पेश किया गया।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, रिमांड के दौरान चैतन्य बघेल से कई बिंदुओं पर पूछताछ की गई — खास तौर पर यह जानने के लिए कि कथित शराब सिंडिकेट से जुड़ा पैसा कहां और कैसे निवेश किया गया। बताया जा रहा है कि एजेंसी ने चैतन्य से उनके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, नकद लेन-देन, और कंपनियों के खातों से संबंधित कई अहम जानकारियां हासिल की हैं।
ईडी ने उन्हें 18 जुलाई को भिलाई स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। यह वही दिन था जब चैतन्य बघेल अपना जन्मदिन मना रहे थे। गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई थी। जांच एजेंसियों का आरोप है कि शराब घोटाले से निकली करीब 16 करोड़ रुपये की अवैध राशि को चैतन्य ने विभिन्न निर्माण कार्यों और निजी परियोजनाओं में लगाया।
सूत्र बताते हैं कि ईडी को कुछ बैंक लेन-देन और संपत्ति निवेश से जुड़े ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे त्रिलोक सिंह ढिल्लों सहित कई अन्य लोगों की भूमिका पर सवाल उठे हैं। माना जा रहा है कि इस नेटवर्क के जरिए फर्जी खरीदारों और कर्मचारियों के नाम पर पैसे की हेराफेरी की गई।
इस मामले में पहले से ही कई बड़े चेहरे जेल में हैं — जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, व्यवसायी त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, और विधायक कवासी लखमा के नाम शामिल हैं।
फिलहाल अदालत ने दोनों आरोपियों की पेशी पर सुनवाई पूरी कर ली है। ईओडब्ल्यू की टीम अब जांच रिपोर्ट तैयार कर रही है और अगले चरण की कार्रवाई को लेकर रणनीति बना रही है।